गोंडा: महिला अस्पताल में भारी अव्यवस्था और अवैध वसूली के मामले को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्यवाही भी कर दी है। मीडिया में खबरें आने के बाद उप मुख्यमंत्री ने मामले की जाँच कराई। जाँच में शिकायतें सही पाईं गईं। जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका समेत एक डॉक्टर व स्टाफ नर्स पर वृहद कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही दो डॉक्टर, पाँच कर्मचारियों को बर्खास्त करने के निर्देश भी उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने दिए हैं। इसके साथ ही गैरहाजिर 18 कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
आपको बता दें कि बीते दिनों गोंडा महिला अस्पताल में अव्यवस्था संबंधी खबर मिडिया में आई थी। इसका संज्ञान तुरंत उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने लिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए मंडलीय अपर निदेशक को जाँच के निर्देश दिए। मंडलीय अपर निदेशक ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में अव्यवस्था और अवैध वसूली सम्बन्धी समस्त शिकायते भी सही मिलीं। इसकी जानकारी उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को दी गयी।
इन डॉक्टर और कर्मचारियों पर गिरी गाज
जाँच के आधार पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को गोंडा जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सुषमा सिंह, चिकित्साधिकारी डॉ. सुवर्णा एवं स्टॉफ नर्स, शर्मिला के विरूद्ध वृहद दण्ड की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही डॉ. ज्योतिमा सिंह, डॉ. परवेज इकबाल, ओटी टेक्नीशियन महेन्द्र यादव, आशुतोष त्रिपाठी, विष्णु, स्टॉफ नर्स नीतू व आशा सरिता सिंह को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं।
18 गैरहाजिर कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि औचक निरीक्षण करने वाले अधिकारियों ने जाँच के दौरान अस्पताल का भ्रमण किया। डॉक्टर-कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर देखा गया। इसमें बिना बताये अस्पताल से 18 कर्मचारी गायब मिले। जिसके बाद सभी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
आगे उप मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि लापरवाही और मरीजों से अवैध वसूली कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसा करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई होगी। मरीजों को पीड़ा देने वालों को किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जायेगा।
