- ज्ञान और बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश का कल धूम-धाम से हुआ स्वागत।
- गणेश उत्सव के दौरान महिलाओं ने ‘अथर्वशीर्ष’ का किया पाठ।
- पारंपरिक कपड़े पहने 31,000 महिलाएं दगड़ूशेठ गणपति पंडाल के सामने हुईं एकत्र।
- 1880 के दशक से महाराष्ट्र में मनाया जा रहा गणेश उत्सव।
पुणे (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के पुणे में प्रसिद्ध दगडूशेठ गणपति पंडाल में 31,000 से अधिक महिलाओं ने ‘अथर्वशीर्ष’ का पाठ किया। ‘अथर्वशीर्ष’, संस्कृत में रचित एक लघु उपनिषद है, जो ज्ञान और बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश को समर्पित है। श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट के अनुसार, यह उनके गणेश उत्सव समारोह में अथर्वशीर्ष के वार्षिक पाठ का 36वां वर्ष है।
31,000 महिलाएं दगड़ूशेठ गणपति पंडाल मे
उन्होंने बताया कि पारंपरिक कपड़े पहने 31,000 महिलाएं दगड़ूशेठ गणपति पंडाल के सामने एकत्र हुईं और ‘अथर्वशीर्ष’ का जाप किया। इस साल पंडाल की थीम अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर की प्रतिकृति है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को दस दिवसीय उत्सव के पहले दिन प्रसिद्ध पंडाल में विशेष पूजा की।
महाराष्ट्र में इस गणेश उत्सव की शुरुआत 1880 के दशक से हुई। उस समय राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक और अन्य लोगों ने जनता को संगठित करने के लिये गणेश उत्सव मनाना शुरू किया था।