- साढ़े सात हजार से अधिक सुंदर पौधों से बढ़ेगी अयोध्या धाम की खूबसूरती
- जन्मभूमि परिसर में विशेष तौर पर रखा जा रहा हरियाली का ध्यान, नक्षत्र वाटिका में भी लगाए 27 पेड़
- राम मंदिर परिसर में बनी नक्षत्र वाटिका को दिव्यतम बनाने में जुटी योगी सरकार
- सीएम योगी के निर्देश पर समूची रामनगरी को हरित अयोध्या बनाने में जुटा है वन विभाग
AYODHYA : 22 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत लगभग आठ हजार से अधिक आगंतुक श्रीराम जन्मभूमि परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शिरकत करेंगे तो वहां की हरियाली भी मन मोह लेगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व उप्र वन विभाग की तरफ से यहां प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की दृष्टि से पौधेयुक्त साढ़े सात हजार गमलों को सजाया जाएगा। यह पौधे महाराष्ट्र से लाए जा रहे हैं। इन गमलों से नाना प्रकार के फूल होंगे, जिनकी खुशबू मंदिर प्रांगण में बैठे आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित तो करेगी ही, साथ ही रामायण काल की अनुभूति भी प्रतीत कराएगी।
महाराष्ट्र से आ रहे साढ़े सात हजार पौधों से महकेगा परिसर
22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को देखते हुए पूरे परिसर को सजाया जा रहा है। फूलों की साज-सज्जा के साथ ही यहां गमले भी लगाए जा रहे हैं। इसके लिए महाराष्ट्र से साढ़े सात हजार गमले व पौधे आ रहे हैं। तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट व उप्र वन विभाग की तरफ से इन्हें परिसर में लगाया जाएगा। पेड़-पौधों की खुशबू से आगंतुक मंत्रमुग्ध हो जाएं। इसकी तैयारी भी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व सीएम योगी के निर्देश पर वन विभाग की तरफ से युद्ध स्तर पर की जा रही है।
राम मंदिर प्रांगण में एग्लोनेमा रेड-लिपिस्टक, पिंक, ऐलोकेशिया ब्लैक वेलवेट- कुकुलता, फिलोड्रेनड्रॉन रिंग ऑफ फायर, बिरकिन, रेड कांगो, पिंक फायर, पिंक प्रिसेंज, लोरोपेटलम, आर्केड मिक्स समेत कई प्रजाति के पौधे मंगाए जा रहे हैं। जो प्राण-प्रतिष्ठा के दिन परिसर की सुंदरता को और बढ़ाएंगे।
रामायण कालीन वैभव की अनुभूति करा रही नक्षत्र वाटिका
जन्मभूमि परिसर में स्थापित नक्षत्र वाटिका की खूबसूरती भी भावविभोर कर देगी। जन्मभूमि परिसर में विशेष तौर पर हरियाली का ध्यान रखते हुए नक्षत्र वाटिका में तैयार हो चुके पेड़ यहां की शोभा व वातावरण को दिव्य-भव्य करेंगे। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रामायणकालीन वैभव को दर्शाने वाल