January 15, 2025 10:03 pm

घर के मुखिया नहीं हैं तो क्‍या, योगी बाबा हैं न

  • बिना मुखिया वाले परिवारों की पालनहार बनी योगी सरकार
  • प्रदेश के गरीब परिवारों के कल्याण पर जमकर पैसा खर्च कर रही सरकार
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 में 87 हज़ार से अधिक परिवारों पर किया 261 करोड़ रुपये से अधिक खर्च
  • आवेदन और पात्रों के चयन प्रक्रिया में त्वरित कार्रवाई से गरीब परिवारों का जीवन हुआ आसान

LUCKNOW :  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार की राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना उन परिवारों के लिए मददगार साबित हो रही है जो अपने मुखिया को खो चुके हैं। इस योजना के तहत प्रदेश में गरीब परिवारों को 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस योजना से सरकार का उद्देश्य उन परिवारों को सहारा देना है। योगी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में अबतक 87 हज़ार से अधिक परिवारों पर 261 करोड़ रुपये से अधिक खर्च चुकी है।

जन कल्याणकारी योजनाओं में योगी सरकार केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है, जिससे प्रदेश में हर वर्ग के लोगों का कल्याण सुनिश्चित हो रहा है। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना उन सभी परिवारों के जीवन में स्थिरता लाने में मील का पत्थर साबित हो रही है। इस योजना में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के परिवार शामिल हैं।

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए आवेदन पर तुरंत हो रही कार्रवाई

योगी सरकार बेसहारा परिवारों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए उनको सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ जोड़ने में कोई कोताही नहीं बरत रही है। यह वजह है कि राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के लिए आवेदन करने वालों के आवेदन पर प्रदेश का समाज कल्याण विभाग बिना देर किए संज्ञान लेकर परिवार को इस योजना के लाभ से जोड़ रहा है। आवेदन के लिए तय किए गए मानक की जांच पड़ताल भी त्वरित गति से होती है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो, मुखिया की आयु मृत्यु के समय 18 से 60 वर्ष के बीच हुई हो, ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की वार्षिक आय 46,080 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये से अधिक न हो। साथ ही योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन मृत्यु के एक साल के भीतर किया जाना जरूरी है। आवेदन के 30 दिनों के भीतर समाज कल्याण विभाग द्वारा निर्णय ले लिया जाता है। स्वीकृति के बाद 30,000 रुपये की धनराशि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

बेसहारा गरीब परिवारों के कल्याण के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही योगी सरकार

बिना मुखिया वाले परिवारों का पालनहार बनी योगी सरकार इन पर करोड़ों रुपये खर्च चुकी है। 1 अगस्त, 2023 से योजना के अंतर्गत आवेदन, स्वीकृति एवं वितरण की ऑनलाइन प्रक्रिया लागू की गई है। समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, कोविड काल से समय वित्तीय वर्ष 2022-23 में ऐसे परिवारों की संख्या करीब एक लाख थी, जिनको योगी सरकार ने योजना के तहत 358 करोड़ रुपये से अधिक खर्च की थी वहीं 2023-24 में 63 हजार से अधिक बेसहारा परिवारों पर 189 करोड़ रुपये खर्च किए गए। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में योगी सरकार ने अब तक 87 हजार से अधिक पात्र परिवारों पर 261 करोड़ रुपये से अधिक खर्च चुकी है।

UP Ka Agenda
Author: UP Ka Agenda

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