Cricket : क्रिकेट इतिहास में दुनिया के कई ऐसे गेंदबाज रहे हैं जिन्होंने दुनिया के बड़े से बड़े बल्लेबाजों की गलियां बिखेरी लेकिन क्रिकेट इतिहास में जब भी तेज गेंदबाजों का जिक्र आता है तब पाकिस्तान के Shoaib Akhtar का नाम आना लाजमी है। हालांकि इतिहास के सबसे तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भले ही क्रिकेट से संयास ले लिया हो लेकिन अभी भी वह क्रिकेट कमेंट्री और क्रिकेट से जुड़े टॉक शोज में आपको दिख जाएंगे।
Shoaib Akhtar ने करवाई घुटने की सर्जरी :
अभी हाल ही में शोएब अख्तर ऑस्ट्रेलिया में अपनी घुटने की सर्जरी करवा रहे थे और उन्होंने अपने फैंस के लिए एक वीडियो भी शेयर किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि, ”मैं उम्मीद करता हूं यह मेरी आखिरी सर्जरी होगी इस वक्त मैं दर्द में हूं मैं चार-पांच साल और भी खेल सकता था लेकिन मुझे अंदाजा था कि अगर मैं ऐसा करूं तो व्हीलचेयर पर आ जाऊंगा, इसलिए मैंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
Alhamdolillah, surgery went well. It will take some time to recover. Need your prayers.
A special thanks to @13kamilkhan as well, he's a true friend who is looking after me here in Melbourne. pic.twitter.com/jCuXV7Qqxv— Shoaib Akhtar (@shoaib100mph) August 6, 2022
इस्लामाबाद की गलियों में ‘Truck’ खींचते थे Shoaib Akhtar
अगर आपने कभी ‘Google’ पर यह सर्च किया होगा कि, क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज गेंदबाज कौन है? तो जाहिर है जवाब में नाम Shoaib Akhtar का ही आएगा, क्योंकि दुनिया में वे एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके नाम सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड दर्ज है जो कि उन्होंने साल 2003 में विश्व कप के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ फेकी थी जिसकी गति 161.3 किलोमीटर प्रति घंटे थी।
4-5 मील तक खींचता था ट्रक :
Shoaib Akhtar ऐसे ही इतिहास के सबसे तेज गेंदबाज नहीं बने, बल्कि इसके लिए उन्होंने काफी कड़ी मेहनत भी की है जिससे उनकी गेंदबाजी में ये रफ्तार आ सके। शोएब के मुताबिक उन्होंने पहले टायरों के साथ दौड़ना शुरू किया लेकिन उसमें उन्हें एहसास हुआ कि यह काफी हल्के हैं। इसके बाद अपने कंधों से छोटी गाड़ियों को खींचना शुरू किया, इसके बाद भी उन्हें यह एहसास हुआ कि यह गाड़ियां भी छोटी है इसके बाद उन्होंने आगे कहा की, ”मैं इस तरीके को अपने रनअप की स्पीड के साथ मैच करता था मुझे लगा कि यह गाड़ियां भी छोटी है तो मैंने इस्लामाबाद में रात में ट्रक खींचना शुरू कर दिया को 4-5 मील तक खींचता था.” क्योंकि मेरा लक्ष्य था कि मेरी गेंदबाजी की रफ्तार हमेशा 150 किलोमीटर प्रति घंटे रहे।
इसके अलावा Shoaib Akhtar आगे बताते हैं कि, ”जब मैंने 26 गज की पट्टी पर बॉल की तो मेरी रफ्तार घटकर सौ 142-145 किलोमीटर प्रति घंटे रह गई लेकिन अभी भी मेरा लक्ष्य150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करने का था उस वक्त मेरी मांसपेशियां अच्छी स्थिति में नहीं थी और मैंने पुरानी खराब हो चुकी गेंदों से बॉलिंग करना शुरू कर दिया। मैं उन पुरानी गेंदों से विकेट पर हिट लगाने का लक्ष्य बना रहा था, इसके आगे शोएब अख्तर बताते हैं कि, ”फिर मुझे वापस नई गेंदों के साथ गेंदबाजी करने के लिए आना पड़ा और ये प्रक्रिया मैंने 2 महीने तक दौराई और फिर मैं 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने में सफल रहा।