उत्तराखंड :। दो सप्ताह पहले कमजोरी और घायल होने के चलते गिरे हाथी ‘मोती’ को मंगलवार को सेना के इंजीनियर्स ने रस्सी की मदद से उठाया और इलाज के लिए भेजा। हाथी की स्थिति गंभीर बनी हुई है। सेना के बंगाल सैपर्स के जवानों और एक वाइल्ड लाइफ एनजीओ ने 35 साल के हाथी की मदद की। इधर, सोशल मीडिया पर लोग मोती के जल्द ठीक होने की दुआएं कर रहे हैं।
रुड़की से बंगाल सैपर्स की टीम मौके पर पहुंची :
सोमवार सुबह रुड़की से बंगाल सैपर्स की टीम मौके पर पहुंची थी। मोती को राहत दिलाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस पशु चिकित्सा दल और सेना की टीम मिलकर काम कर रही हैं। सेना के एक सूत्र ने कहा, “भारतीय सेना के इंजीनियरों ने अभिनव तरीके से स्लिंग्स का इस्तेमाल करते हुए ‘मोती’ को सुरक्षित उठा लिया।
एनजीओ के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था, बंगाल सैपर्स के लोगों ने मोती के लिए एक ‘क्राल’ (बाड़े) का ढांचा खड़ा करने में मदद की है। सूत्रों ने बताया कि इससे पहले सोमवार को भी ढांचा खड़ा कर हाथी को खड़ा करने का प्रयास किया गया। हालांकि, ‘मोती’ अपने पैरों पर कोई भार नहीं उठा पा रहा था और अपने शरीर को बिल्कुल भी नहीं हिला पा रहा था।
उत्तराखंड। उत्तराखंड में दो सप्ताह पहले कमजोरी और घायल होने के चलते गिरे हाथी ‘मोती’ को मंगलवार को सेना के इंजीनियर्स ने रस्सी की मदद से उठाया और इलाज के लिए भेजा। हाथी की स्थिति गंभीर बनी हुई है। सेना के बंगाल सैपर्स के जवानों और एक वाइल्ड लाइफ एनजीओ ने 35 साल के हाथी की मदद की। इधर, सोशल मीडिया पर लोग मोती के जल्द ठीक होने की दुआएं कर रहे हैं।
रुड़की से बंगाल सैपर्स की टीम मौके पर पहुंची :
सोमवार सुबह रुड़की से बंगाल सैपर्स की टीम मौके पर पहुंची थी। मोती को राहत दिलाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस पशु चिकित्सा दल और सेना की टीम मिलकर काम कर रही हैं। सेना के एक सूत्र ने कहा, “भारतीय सेना के इंजीनियरों ने अभिनव तरीके से स्लिंग्स का इस्तेमाल करते हुए ‘मोती’ को सुरक्षित उठा लिया।
एनजीओ के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था, बंगाल सैपर्स के लोगों ने मोती के लिए एक ‘क्राल’ (बाड़े) का ढांचा खड़ा करने में मदद की है। सूत्रों ने बताया कि इससे पहले सोमवार को भी ढांचा खड़ा कर हाथी को खड़ा करने का प्रयास किया गया। हालांकि, ‘मोती’ अपने पैरों पर कोई भार नहीं उठा पा रहा था और अपने शरीर को बिल्कुल भी नहीं हिला पा रहा था।