गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र (PM Modi) 28 मई को नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस मौके पर सेंगोल को स्थापित किया जायेगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60 हजार श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है. इस अवसर पर पीएम मोदी सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे.
इस अवसर पर एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी। इसके पीछे युगों से जुड़ी हुई एक परंपरा है। इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है और इसका अर्थ संपदा से संपन्न और ऐतिहासिक है। 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी. इसके 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है.
सेंगोल ने हमारे इतिहास में एक अहम भूमिका निभाई थी. यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था. इसकी जानकारी पीएम मोदी को मिली तो गहन जांच करवाई गई. फिर निर्णय लिया गया कि इसे देश के सामने रखना चाहिए. इसके लिए नए संसद भवन के लोकार्पण के दिन को चुना गया.
क्या है सेंगोल
बता दें सेंगोल (राजदंड) चोल साम्राज्य से जुड़ा हुआ है. सेंगोल संस्कृत शब्द “संकु” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “शंख”. सेंगोल राजदंड भारतीय सम्राट की शक्ति और अधिकार का प्रतीक मन जाता हैं. आजादी के समय इसे नेहरू जी को सौंपा गया था. उससे पहले तमिलनाडु के पुजारियों द्वारा इसमें धार्मिक अनुष्ठान किया गया था. लेकिन 1947 के बाद से इसे भुला दिया गया.
 
   
								 
											 
				





