पुणे :। पीएम मोदी को आज पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। खास बात ये है कि ये सम्मान उन्हें शरद पवार की मौजूदगी में दिया गया। इसको लेकर महाविकास अघाड़ी में हड़कंप मचा हुआ है। कांग्रेस और शिवसेना उद्धव खुलकर शरद पवार को कार्यक्रम में ना जाने की नसीहत दे रहे थे लेकिन शरद पवार ने उनकी बातों को तवज्जो नहीं दिया। शरद पवार का इस कार्यक्रम में मोदी के साथ मंच साझा करने को नए सियासी गठजोड़ के तौर पर भी देखा जा रहा है। यही वजह है कि महाराष्ट्र में सियासत पूरे उफान पर है।
शरद पवार को इस समारोह में बतौर चीफ गेस्ट बुलाया गया है। ऐसे में सियासी अटकलों का बाजार गर्म है। दबी जुबान में सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर पवार का गेम प्लान क्या है? पवार के मन में आखिर क्या चल रहा है।
पीएम मोदी और शरद पवार ऐसे समय में मंच पर साथ-साथ थे जब महाराष्ट्र में NCP में दो फाड़ हो चुकी है। चाचा से अलग होकर अजित पवार विधायकों के साथ NDA में शामिल हो गए हैं। वहीं शरद पवार विपक्षी खेमे के साथ एकजुटता की हुंकार भर चुके हैं। विपक्षी गठबंधन I-N-D-I-A बनाने में उनकी मुख्य भूमिका है। पीएम मोदी भी विपक्षी गठबंधन पर तंस कस रहे हैं और भ्रष्टाचारियों के साथ आने की मजबूरी गिना रहे हैं। शरद पवार के फैसले से विपक्षी दल नाराज बताए जा रहे हैं।