अयोध्या :। रामनगरी में सावन झूला मेला का उल्लास चरम पर है। सभी मठ-मंदिरों में झूलनोत्सव का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। सावन शुक्ल पूर्णिमा पर शामिल होने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। पूर्णिमा मेला को सकुशल संपन्न कराने को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सरयू घाट से लेकर मठ-मंदिरों तक सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
सावन झूला मेला उत्सव मनाने की परंपरा बेहद प्राचीन है। रामनगरी के सभी मठ-मंदिरों के अलावा श्रीराम जन्मभूमि, कनक भवन, राजा दशरथ का महल, अशर्फी भवन, राम वल्लभा कुंज, दिव्या कला कुंज, विअहुति भवन, रंग महल, जानकी महल, राज सदन, रूप कला कुंज, मणिराम दास छावनी ऐसे मंदिर हैं जहां यह उत्सव अपने शीर्ष पर होता है। गुरुवार झूलनोत्सव का अंतिम दिन है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में अयोध्या के विभिन्न मठ मंदिरों में यह पर्व मनाया जाता है। प्रतिदिन विग्रहों को सुंदर वस्त्र पहनकर झूले पर विराजमान किया जाता है और उन्हें झूला झुलाया जाता है। यहां परंपरा सदियों से चली आ रही है।
श्रद्धालुओं के लिए किये गए इंतजाम
सावन पूर्णिमा मेले को लेकर सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सेक्टर और जोन के माध्यम से हर क्षेत्र की निगरानी कराई जा रही है। सरयू नदी घाट से लेकर मठ-मंदिरों तक पुलिस बल की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं के लिए यातायात प्रबंधन की दृष्टि से भी व्यवस्थाएं की गई हैं। रूट डाइवर्जन प्लान भी लागू है। एक सीमा तक गाड़ियों के आने के बाद श्रद्धालु पैदल चलकर स्नान और पूजा पाठ कर रहे हैं।
– एसपी गौतम, सीओ अयोध्या





