- उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आने वाले दर्शनार्थियों के लिए ड्रेस कोड तय।
- उज्जैन वासियों के लिए सप्ताह में एक दिन भस्म आरती में निशुल्क प्रवेश देने का निर्णय।
- धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का गर्भगृह ढाई महीने से है बंद।
- उज्जैन शहर के लोगों के लिए भस्म आरती में मंगलवार को 300 से 400 भक्तों को निशुल्क प्रवेश।
भोपाल। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आने वाले दर्शनार्थियों के लिए ड्रेस कोड तय किया गया है। अब पुरुष को यहां धोती, सोला व महिलाओं को साड़ी पहनकर आने पर ही प्रवेश मिलेगा। यह व्यवस्था जल्दी ही लागू की जाने वाली है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक महाकाल लोक के कंट्रोल रूम में कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम की अध्यक्षता में आयोजित की। इस बैठक में गर्भगृह खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया लेकिन गर्भगृह में प्रवेश के लिए ड्रेस कोड लागू करने का फैसला लिया गया। साथ ही उज्जैन वासियों के लिए सप्ताह में एक दिन भस्म आरती में निशुल्क प्रवेश देने का निर्णय भी लिया गया है। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम, मंदिर प्रशासक संदीप सोनी,एसपी सचिन शर्मा, महानिर्वाणी के महंत विनीत गिरी, महापौर मुकेश टटवाल मौजूद रहे है।
करीब एक घंटे चली बैठक में ढाई महीने से बंद गर्भगृह खोलने के लेकर तो कोई फैसला नहीं हो पाया लेकिन दो बड़े फैसले हुए है। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में अब पुरुषों के लिए धोती-सोला और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य होगा। ऐसे में बिना साड़ी और धोती-कुर्ता के अन्य परिधानों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही उज्जैन शहर के लोगों के लिए भस्म आरती में मंगलवार को 300 से 400 भक्तों को निशुल्क प्रवेश मिलेगा। कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने बताया कि गर्भगृह खोलने का फैसला एक सप्ताह बाद किया जाएगा। हालांकि जिस तरह अभी दो से ढाई लाख लोग रोज मंदिर आ रहे हैं, सभी को गर्भगृह में प्रवेश देना संभव नहीं है।