- भारत के जी20 की सफल अध्यक्षता के बाद काफी खुश अमेरिका।
- अमेरिका मे व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही एक बड़ी बात।
- कहा – हम भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आभारी हैं।
- जी20 सम्मेलन से लौटने के बाद बाइडेन बेहद सकारात्मक और आशावान कर रहे महसूस।
न्यूयॉर्क (अमेरिका)। अमेरिका जी20 की सफल अध्यक्षता के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभारी है तथा राष्ट्रपति जो बाइडेन दिल्ली में समूह के शिखर सम्मेलन से लौटने के बाद ‘बहुत सकारात्मक और आशावान’’ महसूस कर रहे हैं। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के समन्वयक जॉन किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में ‘पीटीआई-भाषा’ के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘बाइडेन जब जी20 सम्मेलन से लौटे, तो वह बेहद सकारात्मक और आशावान महसूस कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी और भारत के आभारी हैं हम
मेरा मतलब है कि जी20 में बहुत अच्छा काम किया गया है। हम सभी न सिर्फ समूह की अध्यक्षता के लिए, बल्कि जिस तरह से एजेंडा को क्रियान्वित किया गया, उसके लिए भी प्रधानमंत्री मोदी और भारत के आभारी हैं।’’ भारत की अध्यक्षता में गत 9-10 सितंबर को दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए किर्बी ने कहा, ‘‘यह बहुत ही उपयोगी दो दिन थे।’’ किर्बी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें उच्च स्तरीय सत्र के लिए अमेरिका की प्राथमिकताओं के साथ-साथ विदेश नीति से संबंधित अन्य मुद्दों पर सोमवार को यहां न्यूयॉर्क फॉरेन प्रेस सेंटर में संवाददाताओं को संबोधित किया।
मोदी के साथ काफी समय बिताने का मिला मौका
बाइडेन मंगलवार को प्रतिष्ठित यूएनजीए (संयुक्त राष्ट्र महासभा) हॉल में आम बहस की शुरुआत पर 193 सदस्यीय महासभा के नेताओं को संबोधित करने वाले हैं। किर्बी ने कहा, ‘‘बाइडन को जी20 एजेंडा के अलावा दिल्ली में द्विपक्षीय रूप से मोदी के साथ ‘‘काफी समय बिताने’’ का मौका मिला। इसलिए मुझे बाइडन के न्यूयॉर्क में रहने के दौरान उनके एजेंडे पर भारत-केंद्रित किसी विशेष बैठक के बारे में जानकारी नहीं है।’’ यूएनजीए में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की मौजूदगी से ‘ग्लोबल साउथ’ की प्राथमिकताओं से ध्यान भटकने के बारे में पूछे जाने पर किर्बी ने मंगलवार को महासभा में अपने संबोधन में कहा कि बाइडन ‘ग्लोबल साउथ’ के बारे में बात करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘वह वैश्विक स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, खाद्य असुरक्षा से जुड़ी चिंताओं एवं निवेश जरूरतों और ‘ग्लोबल साउथ’ की बुनियादी ढांचे में निवेश संबंधी आवश्यकताओं पर ध्यान देने के लिए इस प्रशासन में किए जा रहे काम पर बात करेंगे।’’ किर्बी ने कहा, ‘‘हमने पिछले जी20 सम्मेलन में एक महत्वाकांक्षी जहाज एवं रेल गलियारे की घोषणा की, जो भारत को पश्चिम एशिया और इटली के रास्ते यूरोप से जोड़ेगा। इससे स्पष्ट है कि वह (बाइडन) ‘ग्लोबल साउथ’ की जरूरतों एवं चिंताओं को संबोधित करने पर ध्यान दे रहे हैं और यह राष्ट्रपति कार्यकाल के पहले दिन से ही उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।’’ ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल अक्सर विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए किया जाता है, जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं।