November 21, 2024 10:59 pm

‘कलेक्‍टर साहबाें’ को योगी ने दिया एक महीने का अल्‍टीमेटम

  • बलिया, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोंडा और मऊ के जिलाधिकारियों को लगी फटकार
  • गाजियाबाद, कानपुर नगर, बदायूं, गौतमबुद्धनगर और फर्रुखाबाद की रिपोर्ट अच्छी
  • सीएम कमांड सेंटर यूपी के सभी जिलों पर रख रहा पैनी नजर
  •  सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रख रहे हर जिले की रिपोर्ट पर नजर

लखनऊ: प्रदेश की जनता को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में हीलाहवाली करने, उनकी समस्या का निस्तारण समयबद्ध एवं पारदर्शी तरीके से न करने पर जिले के अधिकारियों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गाज गिरना शुरू हो गयी है। जिलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीब दो माह पहले लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में सीएम कमांड सेंटर एवं डैशबोर्ड का उद्धाटन किया था। सीएम योगी ने दो दिन पहले सीएम कमांड सेंटर की रिपोर्ट की समीक्षा की, जिसमें राजस्व के मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटाने में हीलाहवाली करने वाले जिलाधिकारियों को सीएम ने कड़ी फटकार लगाई है। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए एक माह का वक्त दिया है। मुख्यमंत्री ने साफ साफ कह दिया है कि या तो जिलों में तैनात अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली सुधार लें या कार्यमुक्त होने के लिए तैयार रहें। उन्होंने अगले माह दोबारा समीक्षा बैठक की बात कही है। सीएम योगी ने कहा कि दोबारा बैठक में स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। वहीं सीएम योगी ने बैठक में प्रतापगढ़ की रिपोर्ट खराब मिलने पर डीएम को हटाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद उन्हे हटाकर प्रतीक्षरत कर दिया गया। इससे प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों समेत अन्य अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

बलिया, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोंडा और मऊ की परफारमेंस खस्‍ता

सीएम कमांड सेंटर एवं डैशबोर्ड की राजस्व की रिपोर्ट में टॉप और बॉटम फाइव जिलों को दर्शाया गया, जिसमें राजस्व वादों के निपटारे में टॉप 5 जिले क्रमश: गाजियाबाद, कानपुर नगर, बदायूं, गौतमबुद्धनगर और फर्रुखाबाद हैं। वहीं बॉटम पांच में बलिया, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोंडा और मऊ हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में 2947 राजस्व न्यायालय हैं, जिनमें पिछले छह वर्षों में 195.3 लाख वाद दाखिल हुए। इनमें से 174.7 लाख वादों को निस्तारण किया गया, जिसका प्रतिशत 89.5 प्रतिशत है। सीएम योगी ने समीक्षा बैठक में खराब प्रदर्शन करने वाले जिलाधिकारियों को फटकार लगाते हुए इसमें सुधार करने के निर्देश दिये ताकि अगले माह की समीक्षा बैठक में निस्तारण का रेश्यो 95 प्रतिशत से अधिक हो। इसी तरह पैमाइश के मामलों निपटारे में टॉप पांच में संतकबीरनगर, कासगंज, महराजगंज, हापुड़ और बलरामपुर हैं जबकि बॉटम पांच में गौतमबुद्धनगर, बलिया, आजमगढ़, एटा और लखनऊ हैं। इन मामलों को उपजिलाधिकारी स्तर पर 90 दिनों में निपटाने का प्राविधान है। कुल 5,19,299 मामले पंजीकृत हैं, जिसमें 4,06,119 मामले निस्तारित किए जा चुके हैं, जिसका रेश्यो 79 प्रतिशत है। बैठक में सीएम योगी लंबित 1,13,180 मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिये।

निवेशकों को उद्योग के लिए जमीन दिलाने में बाराबंकी फिसड्डी

आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 से अब तक वरासत/उत्तराधिकार के कुल 52,60,960 आवेदन आए, जिसमें से अब तक 52,29,441 आवेदन का निस्तारण किया जा चुका है। इसका रेश्यो 99.40 प्रतिशत रहा। रिपोर्ट में बताया गया कि वरासत को लेकर विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 99.99 प्रतिशत आवेदनों का निस्तारण किया गया। इन सभी मामलों को राजस्व निरीक्षक द्वारा तय समय सीमा 22 दिनों में निपटाया गया। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सराहना करते हुए अन्य मामलों में तेजी लाने के निर्देश दिये। इनमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में कासगंज, ललितपुर, सोनभद्र, फतेहपुर और मुजफ्फनगर हैं, जिनका निस्तारण रेश्यो 99 प्रतिशत से अधिक रहा है। इसी तरह नामान्तरण के 1,24,70,776 आवेदन आए, जिसमें से 1,15,69,314 आवेदन का निस्तारण किया गया, जिसका रेश्यो 93 प्रतिशत रहा। इनमें गौतमबुद्धनगर, ललितपुर, अमरोहा, फर्रुखाबाद और मुजफ्फनगर का अच्छा प्रदर्शन रहा जबकि बलिया, रायबरेली, बस्ती, गोंडा और मऊ का प्रदर्शन फिसड्डी रहा। इसी तरह कृषिक भूमि का गैर कृषिक भूमि को परिवर्तित करने में मिर्जापुर, बलरामपुर, महराजगंज, संत रविदासनगर और कासगंज ने अच्छा काम किया जबकि हाथरस, अयोध्या, गोंडा, सहारनपुर और बाराबंकी का प्रदर्शन संतोषजनक भी नहीं रहा।

UP Ka Agenda
Author: UP Ka Agenda

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