नई दिल्ली :। गो फर्स्ट एयरलाइन ने अगले तीन दिनों के लिए अपनी बुकिंग बंद कर दी है। CEO कौशिक खोना के अनुसार फंड की भारी कमी के कारण 3, 4 और 5 मई को उड़ानों को अस्थायी रूप से निलंबित रखा जाएगा। पीएंडडब्ल्यू की ओर से इंजनों की आपूर्ति नहीं किए जाने के कारण गो फर्स्ट को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण 28 विमानों को खड़ा करना पड़ा है।
गो फर्स्ट की उड़ान अचानक रद्द होने से यात्रियों की मुश्किल बढ़ गई है। टिकट बुक कराने वाले यात्रियों ने नाराजगी भी जताई है। लोग अपने पैसों और अपनी उड़ान के बारे में पता करने के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सही जानकारी नहीं दे रहा है। यहां तक कि उन्हें विकल्प भी नहीं दिया जा रहा है कि वे किसी अन्य फ्लाइट से यात्रा कर सकें।
दूसरी ओर, गो फर्स्ट ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) दिवालिया ऋणशोधन अक्षमता संहिता की धारा 10 के तहत समाधान के लिए एक आवेदन दायर किया है। वहीं सूत्रों ने बताया है कि गो फर्स्ट एयरलाइन की 60 फीसदी से ज्यादा फ्लाइट ग्राउंडेड हो चुकी हैं।
इन फ्लाइट्स के ग्राउंडेड हो जाने से कई सारी रूट्स पर एयरलाइन की बुकिंग कैंसिल हो रही है। कहा जा रहा है कि वाडिया के स्वामित्व वाली गो फर्स्ट ने तेल विपणन कंपनियों के बकाये के कारण तीन और चार मई के लिए उड़ानें निलंबित कर दी हैं।
अमेरिकी इंजन निर्माता कंपनी के खिलाफ कोर्ट पहुंची एयरलाइन
इसके साथ ही एयरलाइन ने डेलावेयर संघीय अदालत में अमेरिकी इंजन निर्माता के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें एक मध्यस्थ आदेश को लागू करने की मांग की गई है, जिसमें प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) को एयरलाइन को इंजन प्रदान करने के लिए कहा गया है।
ऐसा नहीं होने से एयरलाइन के बंद होने का खतरा है। गो फर्स्ट के पक्ष में 30 मार्च को दिए गए मध्यस्थता फैसले में कहा गया था कि यदि आपातकालीन इंजन प्रदान नहीं किए जाते हैं तो एयरलाइन को अपूरणीय क्षति का खतरा है।
एयरलाइन के 30 विमान 31 मार्च से हैं ग्राउंडेड
इस बीच तेल विपणन कंपनी के एक अधिकारी ने कहा है कि एयरलाइन कैश एंड कैरी मोड पर है, जिसका मतलब है कि उसे रोजाना जितनी उड़ानों का परिचालन करना है, इसके लिए भुगतान करना होगा।
यह सहमति बनी है कि यदि भुगतान नहीं किया जाता है तो विक्रेता व्यवसाय बंद कर सकता है। एयरलाइन उद्योग के जानकारों के अनुसार गो फर्स्ट के 30 विमान 31 मार्च से खड़े हैं, इनमें नौ ऐसे हैं जिन पर पट्टे का भुगतान बकाया है। वहीं, एयरलाइन की वेबसाइट के अनुसार गो फर्स्ट के बेड़े में कुल 61 विमान हैं, जिनमें 56 ए320 नियो और पांच ए320सीओ शामिल हैं।
DGCA ने कारण बताओ नोटिस जारी किया
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने 3-4 मई तक नई बुकिंग रद्द करने के बाद गो फर्स्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया। डीजीसीए के अनुसार, उसके संज्ञान में आया है कि गो फर्स्ट ने क्रमशः 03-04 मई 2023 की सभी निर्धारित उड़ानों को रद्द कर दिया है।
डीजीसीए को ऐसी रद्दीकरण के लिए कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई है। इस मामले में अनुसूची की मंजूरी के लिए शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया है। डीजीसीएक के अनुसार इस प्रकार गो फर्स्ट रद्दीकरण और उसके कारणों को लिखित रूप में रिपोर्ट करने में विफल रहा है। गो फर्स्ट अनुमोदित अनुसूची का पालन करने में विफल रहा है जिससे यात्रियों को असुविधा होगी। गो फर्स्ट ने सीएआर, धारा 3, श्रृंखला एम और भाग 4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
नागर विमानन मंत्रालय की करीब से नजर
नागर विमानन मंत्रालय ने मामले पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। वाडिया समूह के स्वामित्व वाली किफायती सेवाएं देने वाली एयरलाइन गो फर्स्ट ने नकदी के गंभीर संकट की वजह से तीन से पांच मई की अपनी उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित रखने की घोषणा की है। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गो फर्स्ट की स्थिति पर कहा कि बेहतर होगा कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया का इंतजार किया जाए।
17 साल से अधिक से परिचालन कर रही गो फर्स्ट
गो फर्स्ट 17 साल से अधिक से परिचालन कर रही है। चालू साल की पहली तिमाही में इसने घरेलू मार्गों पर 29.11 लाख लोगों को यात्रा कराई है। इस दौरान गो फर्स्ट की बाजार हिस्सेदारी 7.8 प्रतिशत रही।