- हिंदू पंचाग के अनुसार, इस वर्ष 19 सितंबर 2023 से गणेश चतुर्थी शुरू होगी।
- 28 सितंबर 2023 को वहीं भगवान गणेश का विसर्जन होगा।
- भगवान गणेश भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को जन्मे थे।
- महाराष्ट्र में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है गणेश उत्सव ।
Ganesh Chaturthi 2023। हमारे देश में गणेश चतुर्थी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि महाराष्ट्र में गणेश उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार, इस वर्ष 19 सितंबर 2023 से गणेश चतुर्थी शुरू होगी। 28 सितंबर 2023 को वहीं भगवान गणेश का विसर्जन होगा। ऐसी मान्यता है कि गणेशजी बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं। तो आईए जानते हैं हैं कि बप्पा की पूजा में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को जन्मे थे। भक्तगण गणेश उत्सव के दौरान बप्पा की मूर्ति बनाते हैं और पूरे दौरान विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं।
तुलसी का पत्ता न चढ़ाएं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान भोलेनाथ के साथ ही उनके पुत्र गणेशजी की पूजा में भी तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है। मान्यता है कि बप्पा ने तुलसी को शाप दिया था कि उनकी पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसलिए ध्यान रखें कि गणेशजी की पूजा में तुलसी का प्रयोग भूलकर भी न करें। भगवान की पूजा में दूर्वा का प्रयोग करना अच्छा माना जाता है।
चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं वर्जित
गणेशजी और चंद्र देव के संबंध अच्छे नहीं माने जाते। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार चंद्रमा ने बप्पा के गज स्वरूप का उपहास किया था, इस वजह से गणेशजी ने चंद्रमा का शाप को दिया था कि उनका सौंदर्य खत्म हो जाएगा, इसलिए गणेशजी की पूजा में भी कोई भी सफेद वस्तु नहीं चढ़ाई जाती। सफेद चंदन के स्थान पर पीले चंदन, सफेद वस्त्र के स्थान पर पीले वस्त्र और पीले जनेऊ का प्रयोग करें। इसलिए हर चतुर्थी तिथि को चंद्र दर्शन करने के लिए भी शास्त्रों में मना किया गया है।
पूजा में ऐसे चावल का प्रयोग न करें
चावल को अक्षत भी कहते हैं और इसका अर्थ है कि जिसका क्षय न हुआ हो, यानी कि वह अक्षत हो। गणेशजी की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल न चढ़ाएं। बल्कि इसके स्थान पर साबुत चावलों का प्रयोग करें, जो कि कहीं से भी टूटे न हों। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि गणेश पूजन में गीले चावलों का प्रयोग किया जाता है।
केतकी के फूल
भगवान शिव की तरह ही भगवान गणेशजी की पूजा में भी केतकी के फूल का प्रयोग करना मना है। शिवजी ने केतकी के फूल को शाप दिया था। इसलिए इनके पुत्र गणेशजी को भी यह फूल नहीं चढ़ाए जाते हैं।
भूलकर भी न चढ़ाएं बासे फूल
इनकी पूजा में भूलकर भी बासे फूल या फिर मुरझाए फूल न चढ़ाएं। अगर आपके पास ताजे फूल नहीं हैं तो न चढ़ाएं सिर्फ दूर्वा चढ़ा सकते हैं। लेकिन सूखे या फिर मुरझाए फूल भूलकर भी न चढ़ाएं। ऐसा करने से भगवान नाराज होते हैं और वास्तु दोष भी लगता है।
