December 10, 2024 6:04 am

निवेशकों का इस प्रकार राहत देगा स्टेट ऑफ द आर्ट कॉल सेंटर

  • सीएम योगी के विजन अनुसार निवेशकों को होने वाली कठिनाइयों के निस्तारण में इनवेस्ट यूपी ने शुरू की अहम प्रक्रिया
  • कॉल सेंटर के संचालन के साथ ही सिंगल कॉन्टैक्ट नंबर को भी किया जाएगा सुचारू जिससे नागरिकों को मिल सकेगा ग्रिवेंस रिड्रेसल का प्लैटफॉर्म
  • संभावित निवेशकों की शंकाओं के निस्तारण समेत इनसेंटिव का लाभ प्राप्त करने वाले निवेशकों के लिए सार्थक माध्यम बनेगा कॉल सेंटर
  • निवेशकों के क्लेम की जांच, डाटाबेस संकलन समेत आर्थिक प्रश्रय की पात्रता तय करने के लिए भी सीए, टेक्निकल कंसल्टेंट्स को एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा आबद्ध

LUCKNOW:  उत्तर प्रदेश औद्योगिक व आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही योगी सरकार ने निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया में और तेजी लाते हुए ‘स्टेट ऑफ द आर्ट’ कॉल सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीएम योगी के विजन अनुसार, उत्तर प्रदेश में भावी निवेशकों की शंकाओं को दूर करने, प्रदेश में पहले से निवेश प्रक्रियाओं में शामिल निवेशकों के शिकायतों के निस्तारण व इनसेंटिव फैसिलिटेशन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विस्तृत फ्रेमवर्क की संरचना की जा रही है। इसके अंतर्गत इनवेस्ट यूपी द्वारा ‘स्टेट ऑफ द आर्ट’ कॉल सेंटर के स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस कॉल सेंटर से ही सिंगल कॉन्टैक्ट नंबर को भी सुचारू किया जाएगा जिससे नागरिकों को ग्रिवेंस रिड्रेसल का उचित प्लैटफॉर्म मिल सकेगा। मुख्यतः यह कॉल सेंटर उन कंपनियों, संस्थाओं व निवेशकों के लिए सर्वाधिक प्रभावी होगा जिन्हें लेटर ऑफ कम्फर्ट (एलओसी) प्राप्त हो चुका है, या जो प्रभावी निवेश की स्थिति में आर्थिक अनुदान के पात्र हंर तथा उन्हें इनसेंटिव प्राप्त करने की प्रक्रिया में किसी प्रकार की अड़चन का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, इनवेस्ट यूपी द्वारा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) माध्यम से एजेंसी भी आबद्ध करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं जो निवेशकों की इनसेंटिव अलॉटमेंट प्रक्रिया को बेहतर बनाने व उनका उचित संकलन कर डाटाबेस तैयार करने में मदद करेगा।

कई मामलों में खास होगा कॉल सेंटर

इन्वेस्ट यूपी निवेशकों के लिए बहु-विषयक सुविधा संपन्न व शिकायत निवारण प्लैटफॉर्म प्रदान करने के लिए एक अत्याधुनिक कॉल सेंटर स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसका प्राथमिक लक्ष्य उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए एक “एकल संपर्क नंबर” बनाना है। यह कॉल सेंटर इन्वेस्ट यूपी द्वारा दी जाने वाली सेवाओं से संबंधित इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों टेलीफोन कॉलों को संभालेगा, जिससे निवासियों और निवेशकों के लिए कुशल और सुलभ संचार सुनिश्चित होगा। हेल्पलाइन पर कॉल द्वारा मांगी गई जानकारी देने के साथ ही कॉल सेंटर कॉल द्वारा प्राप्त शिकायतें भी स्वीकार करेगी। जानकारियों को एक डेटाबेस में दर्ज किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए संबंधित अधिकारी को तुरंत सूचित किया जाएगा। कॉल सेंटर द्वारा प्राप्त सभी शिकायतों का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को उनकी जागरूकता और आगे की कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी।

कॉल सेंटर संचालन के लिए एजेंसी निर्धारण प्रक्रिया शुरू, मांगे हैं आवेदन

इन्वेस्ट यूपी ने प्रदर्शन समीक्षा के आधार पर एक वर्ष की अवधि के लिए एक एजेंसी को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है, जिसे एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। यह एजेंसी कॉल सेंटर के संचालन प्रक्रिया को पूर्ण करने में सक्षम होगी। इसके लिए एजेंसी आबद्ध करने के लिए ई-निविदा के जरिए आवेदन मांगे गए हैं। कार्य प्राप्त करने वाली एजेंसी को कुल 9 सदस्यों (1 टीम लीडर + 08 टीम सदस्य) की प्रस्तावित टीम को आबद्ध करना होगा जो क्वेरी हैंडलिंग, ईमेल प्रतिक्रिया प्रबंधन, सूचना कैप्चरिंग और ट्रांसक्रिप्ट मेलिंग, एनालिटिक्स और गुणवत्ता नियंत्रण जैसी प्रक्रियाओं को पूर्ण कर सकें। यह टीम हिंदी, अंग्रेजी में क्वेरी हैंडलिंग में सक्षम होगी तथा निवेशकों के सभी शंकाओं व समस्याओं के निस्तारण का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह कॉल सेंटर सेवेन डे वर्किंग वीक के लिहाज से सुबह 10 से शाम 6 बजे तक कार्य करेगा।

निवेशकों के इनसेंटिव क्लेम पात्रता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया में तेजी लाएगी एजेंसी

योगी सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति (आईआईईपीपी) 2022, ईवी गतिशीलता व विनिर्माण नीति 2022 तथा यूपी ऑक्सीजन संवर्धन व उत्पादन नीति उत्तर प्रदेश राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सब्सिडी/प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इन्हीं के तहत प्रोत्साहन राशि व अनुदान को मान्य करने के लिए इनवेस्ट यूपी द्वारा एक एजेंसी आबद्ध करने के लिए आरपीएफ माध्यम से आवेदन मांगे गए हैं। इसके अंतर्गत, एक एजेंसी का चयन किया जाएगा जिन्हें इन असाइनमेंट्स को पूर्ण करने के लिए योग्य जनशक्ति प्रदान करनी होगी। इसके तहत सीए, वैल्यूअर्स, इंजीनियर्स व कंसल्टेंट्स की टीम को इंपैनल किया जाएगा। यह टीम निवेशक द्वारा किए गए पूंजी निवेश के सत्यापन और प्रमाणीकरण, निरीक्षण व भौतिक सत्यापन, व्यवहार्यता रिपोर्ट/डीपीआर की जांच, स्थापित उत्पादन क्षमता व उसके क्षमता उपयोग के सत्यापन का मूल्यांकन करेगी। इनसेंटिव प्राप्त करने के लिए आवेदन करने वाली फर्म, संस्था व निवेशक के वित्त के स्रोत का सत्यापन, जीएसटी भुगतान, प्राप्त क्रेडिट और उससे संबंधित अन्य जानकारी, आवश्यकता के आधार पर कोई भी जानकारी या अन्य विवरण संचय, डाटाबेस व रिपोर्ट संकलन के कार्य भी करेगी, जिससे इस प्रक्रिया में लाभ पहुंचाने की गतिविधि को सरल व व्यवहारिक बनाने में मदद मिलेगी।

UP Ka Agenda
Author: UP Ka Agenda

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