- योगी सरकार की नई नीतियों से यूपी में बढ़ेगी डिजिटल कनेक्टिविटी
- -उत्तर प्रदेश को डिजिटल कनेक्टिविटी में अग्रणी राज्य बनाने की पहल
- -‘राइट ऑफ वे’ नियम 2024 के क्रियान्वयन से मजूबत होगा डिजिटल बुनियादी ढांचा
- -स्मार्ट सिटी में दूरसंचार लाइनों के विस्तार के लिए किया जाएगा राज्य की यूटिलिटी डक्ट्स का उपयोग
- -‘कॉल बिफोर यू डिग’ योजना के क्रियान्वयन से दूरसंचार सुरक्षा को मिलेगा बढ़ावा
- -राज्य में टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को उद्योग के रूप में मिल सकती है मान्यता
- -भारतनेट और 4G संतृप्ति परियोजनाओं के माध्यम से डिजिटल क्रांति का हर गांव तक होगा विस्तार
LUCKNOW : उत्तर प्रदेश में डिजिटल कनेक्टिविटी को एक नई दिशा देने के लिए योगी सरकार ने अहम कदम उठाए हैं। हाल ही में संपन्न हुई राज्य ब्रॉडबैंड समिति की दूसरी बैठक में योगी सरकार द्वारा दूरसंचार क्षेत्र के विस्तार और सुगमता को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। राज्य में इंटरनेट और टेलीकॉम सुविधाओं को आमजन तक पहुंचाने में जुटी योगी सरकार का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बने, जिससे आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों में तेजी लाई जा सके।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 जनवरी 2025 से ‘राइट ऑफ वे’ (Right of Way) नियम 2024 को लागू करने का निर्णय लिया है। केंद्र द्वारा जारी इन नियमों को राज्य में सख्ती से अपनाने के लिए सभी विभागों और अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। नए नियमों के तहत, सार्वजनिक संपत्ति से संबंधित शुल्क का 90% हिस्सा आवेदन के 15 दिनों के भीतर वापस किया जाएगा। वहीं, अगर किसी आवेदन को अस्वीकार किया जाता है, तो उसका कारण 7 दिनों में बताना अनिवार्य होगा। यदि 15 दिनों के भीतर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई, तो आवेदन स्वीकृत माना जाएगा। आवेदन प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए पोर्टल को अपग्रेड किया जा रहा है। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार में तेजी आएगी।
स्मार्ट सिटी में होगा डिजिटल कनेक्टिविटी का समावेश
स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत राज्य की यूटिलिटी डक्ट्स का उपयोग दूरसंचार लाइनों के विस्तार के लिए किया जाएगा। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSPs) और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं (IPs) को प्रति वर्ष प्रति मीटर 6 रुपये की दर से यूटिलिटी डक्ट्स का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। इस योजना से इंटरनेट की पहुंच में सुधार होगा और दूरस्थ क्षेत्रों में भी बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। सीएम योगी के इस कदम से स्मार्ट सिटी के डिजिटल बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने और नागरिकों को तेज डिजिटल सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी।
डिजिटल क्रांति का प्रदेश के हर गांव तक होगा विस्तार
गांव-गांव तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाने के लिए भारतनेट और 4G संतृप्ति परियोजनाओं को भी प्राथमिकता दी गई है। भारतनेट योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की ग्राम पंचायतों में लगे उपकरणों की देखभाल और उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए ग्राम विकास अधिकारियों और सचिवों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। 4G संतृप्ति परियोजना के तहत दूरस्थ और सुदूर क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विद्युत कनेक्शन के कार्यों में भी तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। परियोजना के तहत साइट्स को RDSS के तहत प्राथमिकता दी गई है।
टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को उद्योग के रूप में मान्यता
राज्य में टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को उद्योग के रूप में मान्यता देते हुए इसे औद्योगिक दरों पर बिजली शुल्क देने की सिफारिश की गई है, जैसा कि महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, और हरियाणा जैसे राज्यों में है। इसके अतिरिक्त, राज्य में पुराने बिजली मीटरों को स्मार्ट और प्रीपेड मीटर से बदलने का कार्य भी आगामी दो महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह कदम न केवल बिजली चोरी पर अंकुश लगाएगा बल्कि बिजली उपभोग पर बेहतर निगरानी भी सुनिश्चित करेगा।
‘कॉल बिफोर यू डिग’ योजना का क्रियान्वयन: दूरसंचार सुरक्षा को मिलेगा बढ़ावा
सरकार ने डिजिटल सेवाओं की सुरक्षा के लिए “कॉल बिफोर यू डिग” (CBuD) ऐप को अनिवार्य किया है। योगी सरकार ने राज्य के सभी विभागों को ‘कॉल बिफोर यू डिग’ (CBuD) ऐप का अनिवार्य उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। यह ऐप राज्य में किसी भी प्रकार की खुदाई कार्यों की अनुमति और निगरानी में सहायक होगा, जिससे दूरसंचार और अन्य बुनियादी सेवाओं को नुकसान से बचाया जा सकेगा। CBuD ऐप के उपयोग से अनधिकृत खुदाई पर रोक लगेगी और सेवाओं की सततता बनी रहेगी।
उत्तर प्रदेश को डिजिटल कनेक्टिविटी में अग्रणी राज्य बनाने की पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की दूरसंचार क्षमताओं को मापने और उनमें सुधार के लिए डिजिटल संचार तत्परता सूचकांक (DCRI) की स्थापना की है। DCRI के माध्यम से राज्य की टेलीकॉम सुविधाओं का मूल्यांकन होगा, जिससे राज्य में निवेशकों के लिए व्यापार करने में आसानी होगी और नई डिजिटल सेवाओं का प्रसार होगा।
डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में जिलों का प्रदर्शन भी सराहनीय है। आगरा, वाराणसी और नोएडा जैसे जिलों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से मिसाल पेश की है, जबकि लखनऊ और सोनभद्र जैसे जिलों में सुधार की आवश्यकता है। सरकार ने कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों को अतिरिक्त तकनीकी सहायता और संसाधन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, सभी जिलों को डिजिटल संचार तत्परता सूचकांक (DCRI) के माध्यम से आंका जा रहा है, जो राज्य की दूरसंचार क्षमताओं का आकलन करेगा और निवेशकों को आकर्षित करेगा।
टेलीकॉम उद्योग की समस्याओं का होगा त्वरित निपटारा
बैठक में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSPs) और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं (DIPA, COAI) द्वारा उठाए गए मुद्दों पर भी चर्चा की गई। सड़क पुनर्स्थापन शुल्क, बैंक गारंटी की राशि और अन्य प्रक्रियाओं को सरल बनाने के संबंध में राज्य सरकार ने त्वरित निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। साथ ही, सभी अधिकारियों को केंद्रीय नीतियों के अनुरूप कार्य करने का निर्देश भी दिया गया है। योगी सरकार द्वारा लिए गए ये महत्वपूर्ण फैसले उत्तर प्रदेश में दूरसंचार क्षेत्र के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू की गई ये नीतियां राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की पहुंच को सुदृढ़ बनाएंगी। इससे प्रदेश के नागरिकों को जहां लाभ मिलेगा, वहीं निवेशकों के लिए भी नए व्यापारिक अवसर पैदा होंगे।