November 1, 2025 2:01 am

नागपंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर का वर्ष में एक बार होता हैं दर्शन…

उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में भगवान नागचंद्रेश्वर एक ऐसा अनूठा मंदिर है, जो वर्ष में एक बार 24 घंटे के लिए नागपंचमी पर्व पर आम दर्शनार्थियों के लिए दर्शन के लिए खुलता है। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर विशाल परिसर तीन खंडों में विभक्त है।

सबसे नीचे खंड में भगवान महाकालेश्वर, दूसरे खंड में ओमकारेश्वर एवं तीसरे खंड में नागचंद्रेश्वर का मंदिर स्थित है। शिखर पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर स्थापित है, जिसे वर्ष में एक बार नाग पंचमी के दिन खोला जाता है।

इस बार नागपंचमी 21 अगस्त को है। नागचंदेश्वर मंदिर के पट 20 अगस्त की रात 12 बजे त्रिकाल पूजा के साथ 24 घंटे के लिए खोले जाएंगे। अधिकारिक जानकारी के अनुसार नागपंचमी के साथ ही 21 अगस्त को महाकाल की सातवीं सवारी निकलेगी, जिसमें लाखों की संख्या श्रद्धालु आएंगे। इसको देखते हुए जिला प्रशासन की तैयारियां जोरों पर हैं।

भगवान महाकालेश्वर और भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन की पृथक-पृथक व्यवस्थाएं की गई हैं। नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोलने से पहले महा निर्वाणी अखाड़े के महंत द्वारा त्रिकाल पूजा की जाएगी और 12:30 बजे तक पूजा अर्चना का सिलसिला जारी रहेगा।

इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे। श्रद्धालु 21 अगस्त की रात 12बजे तक दर्शन कर सकेंगे। इस बीच दोपहर 12 बजे भगवान नागचंद्रेश्वर की शासकीय पूजा प्रशासन की ओर से की जाएगी।

भगवान नागचंद्रेश्वर महादेव की प्रतिमा काफी अद्भुत है जो 11वीं शताब्दी की है। इस प्रतिमा को नेपाल से यहां लाया गया था। प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव पार्वती, गणेश जी के साथ दशमुखी सर्प में विराजित हैं।

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने बताया कि महाकालेश्वर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को चारधाम मंदिर के सामने त्रिवेणी संग्रहालय से महाकाल महालोक होते हुए मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से परिसर में होते हुए गणेश व कार्तिकेय मंडप में प्रवेश दिया जाएगा। जबकि भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने हेतु श्रद्धालु कर्कराज पार्किंग से गंगा गार्डन वाले रास्ते से होकर हरसिद्धि होल्डअप में पहुंचेंगे।

यहां से श्रद्धालु बड़ा गणेश के सामने 4 नबंर गेट से होकर एयरो ब्रिज तक पहुंचेंगे। एयरो ब्रिज से होकर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने के उपरांत दशनार्थी सभा मण्डप की छत से होकर निर्गम द्वार से होकर पुन: हरसिद्धि चौराहे तक जायेंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की जाएगी।

UP Ka Agenda
Author: UP Ka Agenda

What does "money" mean to you?
  • Add your answer