इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) कंगाली की कगार पर है. आर्थिक संकट से उबरने के बजाय वो अभी भी न्यूक्लियर प्रोग्राम पर ध्यान दे रहा है. इसके लिए उसने IMF कि शर्त को मैंने से मन कर दिया है.
पाकिस्तान को उसके मित्र देशों ने कर्ज देने से मना कर दिया और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी कर्ज नहीं मिला है.बता दें पाकिस्तान IMF से 1 अरब डॉलर लेने की कोशिश कर रहा है.
सांसद रजा रब्बानी ने सवाल किया कि IMF से अभी तक समझौता क्यों नहीं हुआ. इसपर पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा है कि कर्ज को लेकर न्यूक्लियर प्रोग्राम (nuclear program) से कोई समझौता नहीं होगा, चाहे जो हो पाकिस्तान इसे जारी रखेगा.
क्या है शर्त
दरअसल IMF ने शर्त राखी थी कि पाकिस्तान को न्यूक्लियर प्रोग्राम को रोकना होगा, जिसपर वो तेज़ी से काम कर रहा है. इसके बाद उसे क़र्ज़ दिया जा सकता है. लेकिन पाकिस्तान सरकार को रोटी से ज्यादा न्यूक्लियर प्रोग्राम प्यारा है. इस वजह से उसने इस शर्त को मानने से मना कर दिया है.