प्रयागराज:। पीसीएस अफसर ज्योति मौर्य के पति की शिकायत के बाद अब जांच शुरू हो चुकी है। एडीएम प्रशासन की ओर से लखनऊ जाकर इस मामले के संबंध में तफ्तीश की जा रही है। मामले में कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। मामले में कई और लोगों से पूछताछ की जा रही है।
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के विरुद्ध अवैध तरीके से रुपयों के लेनदेन के मामले में अब जांच तेज कर दी गई है। जांच कमेटी ने पूछताछ की कार्रवाई ही आगे बढ़ाते हुए अहम सबूत जुटाये है। कमेटी में शामिल एडीएम प्रशासन हर्षदेव पांडेय ने इस संबंध में बीते गुरुवार को लखनऊ में अपनी जांच को शुरू कर दिया। जांच के दौरान ज्योति के छह बैंक अकाउंट की डिटेल मांगी गयी है। ज्योति व उनके पति आलोक मौर्य को नोटिस भेजा गया, जिसमें दोनों को अपने बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया गया है। इसके अलावा नोटिस में आरोपों व दावों का साक्ष्य को प्रस्तुत करने के देने लिए कहा गया है।
मंडलायुक्त कर रहे हैं जांच
आलोक से आरोपों के बाद अब उससे साक्ष्य मांगे जा रहे है। शासन ने निर्देश दिया है कि जांच 15 दिन में पूरी की जाए और रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाए। आलोक का आरोप है कि पद पर रहते हुए ज्योति मौर्य ने पद का गलत इस्तेमाल किया और गलत तरीके से कमाई की है। फिलहाल, नियुक्ति विभाग ने शासन स्तर पर प्रकरण में मंडलायुक्त को जांच सौंपी है। अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिंद की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है जोकि एडीएम प्रशासन हर्षदेव पांडेय व एसीएम प्रथम जयजीत कौर की कमेटी है। अपर आयुक्त प्रशासन ने कहा है कि डायरी की राइटिंग का मिलान भी अलग से कराया जायेगा।
विभागीय लोगों से भी पूछताछ
आलोक के द्वारा की गई शिकायतों का कमेटी की मीटिंग में अभी अध्य्यन किया जा रहा है। आलोक के शिकायती पत्र के डायरी के 32 पेज का फोटो स्टेट भी लगाया गया था। जिसमें कुल 33 करोड़ रुपये के लेनदेन के बारे में जिक्र किया गया है। इस मामले की जांच के तहत कई विभागों के कार्यालयों से कई तरह के दस्तावेज जुटाए गए हैं जिसमें कुछ विभागीय लोगों से भी पूछताछ की गई है। निलंबित होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के संबंध में भी जानकारी शामिल की गयी है। एडीएम प्रशासन के द्वारा 4 होटल से भी ब्योरा भी लिया गया है। जहां कुछ महीने पहले ही ज्योति और मनीष रुके हुये थे।





