- 5 को रखी जाएगी नींव, आईआईटी रुड़की के सहारनपुर कैंपस में बनेगा सेंटर
- 5जी को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लिंक करने और 6जी पर होगा रिसर्च
लखनऊ: योगी सरकार द्वारा टेलीकॉम सेक्टर में नई क्रांति लाने एवं नई टेक्नोलॉजी को विकसित करने के प्रयास रंग लाने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सहारनपुर में देश के पहले टेलीकॉम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निर्माण को हरी झंडी दे दी है, जिसकी नींव 5 दिसंबर को रखी जाएगी। यहां पर 5जी को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से जोड़ने और 6जी पर रिसर्च किया जाएगा। टेलीकॉम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को 30 करोड़ की लागत से आईआईटी रुड़की के सहारनपुर कैंपस में बनाया जाएगा। योगी सरकार की इस पहल से दूरसंचार के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही प्रदेश के युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेगा।
टेलीकॉम में नई टेक्नोलॉजी पर होगा रिसर्च
योगी सरकार के इस प्रयास से सहारनपुर को टेलीकॉम हब के रूप में नई पहचान मिलेगी। अभी फिलहाल सहारनपुर को काष्ठ हस्तशिल्प के रूप में पहचाना जाता है। सहारनपुर में टेलीकॉम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का मुख्य उद्देश्य टेलीकॉम के क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी को विकसित कर उसे बढ़ावा देना है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस रिसर्च और विकास के केंद्र के रूप में काम करेगा, जिससे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को मदद तो मिलेगी ही, साथ ही अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के जरिये समस्याओं के समाधान में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा 5जी पर रिसर्च किया जाएगा, जिसमें टेलीकॉम का कहां-कहां समुचित प्रयोग किया जा सकता, इस पर प्रमुख फोकस रहेगा। इसमें ई लर्निंग, ई एजुकेशन, एग्रीकल्चर, सेटेलाइट सेंटर को अपग्रेड करने पर काम किया जाएगा। इतना ही नहीं 5जी को एआई से जोड़ा जाएगा, ताकि टेक्नोलॉजी के नये-नये डिवाइस को विकसित किया जा सके। यह सहारनपुर को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फर्मों से निवेश आकर्षित करने और इनोवेशन व आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए मजबूत ईको सिस्टम बनाने में सक्षम करेगा। इससे जहां नई प्रतिभाएं सामने आएगी, वहीं नौकरी के अवसर भी प्राप्त होंगे और सहारनपुर को आर्थिक लाभ होगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा किए गए रिसर्च और डेवलपमेंट एक्टिविटीज से नए उत्पादों, सेवाओं और टेक्नोलॉजी का निर्माण होगा, जिनका कॉमर्शिलाइजेशन और ग्लोबल लेवल पर डिस्ट्रिब्यूशन किया जा सकता है।
5जी के विकास में योगदान देगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
योगी सरकार द्वारा देश के पहले टेलीकॉम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से 5जी-6जी टेलीकॉम टेक्नोलॉजी और उपयोग के मामलों पर रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। इससे इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स को सहयोग करने और नॉलेज शेयरिंग में मदद मिलेगी, जिससे नए और हाईटेक सॉल्यूशंस का निर्माण होगा, जो जटिल चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस 5जी और 6जी टेक्नोलॉजी के विकास में योगदान देगा, जिससे भारत विदेशी टेक्नोलॉजी पर अपनी निर्भरता कम करने और ग्लोबल मार्केट में कंप्टीशन बढ़ाने में सक्षम होगा। इतना ही नहीं, यह टेलीकॉम के क्षेत्र में ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट के लिए मंच के रूप में भी कार्य करेगा। यह छात्रों, रिसर्चर्स और इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और स्पेशल स्किल हासिल करने के अवसर प्रदान करेगा।
इन सेक्टर्स पर होगी रिसर्च
- एडवांस वायरलेस कम्युनिकेशन के फंडामेंटल
- 5जी और वायरलेस स्टैंड्डर्स
- मिलीमीटर वेव ट्रांसीवर मॉड्यूल डिजाइन
- वायरलेस कम्युनिकेशन के लिए एआई/एमएल
यह होगा फायदा
- स्टैंडर्ड रिक्वाय र्ड पेटेंट
- लास्ट माइल एक्सेस
- दूरस्थ या कम सेवा वाले क्षेत्रों तक ब्रॉडबैंड पहुंच
- सेलुलर बैकहॉल
- स्टोरेज एरिया नेटवर्क
- डिजास्टर मैनेजमेंट
- नेटवर्क इनेबल्ड कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स
- डिफेंस और सिक्योरिटी
- एयरोस्पेस एविएशन/सैटेलाइट
- कम्युनिकेशन
- वर्चुअल रिएलिटी
- स्मार्ट सिटी
- स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग
- ई हेल्थकेयर