एक नहीं न जाने कितनी साँवली लड़कियों से रोज़ हमारी मुलाकात होती है..सुंदर नैन नक्श होने के बावज़ूद भी वह लड़ रही होती हैं अपनी त्वचा के रंग से जिसके लिए कभी अपने कमरे में तो कभी बाथरूम के अंदर छुपकर ख़ुद को गोरा बनाने का जतन करती पायी जाती हैं…
बात यह उठती है गोरी काली त्वचा से सुंदरता मापने का पैमाना किसी के भीतर आता कैसे है? क्यों एक गोरी त्वचा वाली सामान्य सी लड़की की गिनती सुंदर लड़कियों में होती है जबकि काली लड़कियों को सुंदरता के मामले में हमेशा ही दया की दृष्टि से देखा जाता है फ़िर उसके फ़ीचर्स चाहे कितने ही शार्प क्यों न हो…
इसके लिए आप टीवी, गोरा करने वाली क्रीम के विज्ञापन को भले ही कोसे पर इसकी शुरुआत हमेशा हमारे घर और आस-पड़ोस से होती है जहाँ पहला दुख तो लड़की पैदा होने का होता है और दूसरा उसकी काली या साँवली त्वचा को लेकर…किशमिश और बादाम की मालिश से लेकर गोरा करने की हर तरक़ीब इस्तेमाल की जाती है पर अंत में वही ढाक के तीन पात…यानि त्वचा का रंग जस का तस…..
धीरे धीरे लड़की बड़ी होने लगती है और उसी अनुपात में बढ़ती है साँवली त्वचा को लेकर उसके भविष्य के लिए चिंता, उलाहना और बोरी भर भर के सीख..धूप में न निकलो, ये रंग न पहनो, वो वाली फेयरनेस क्रीम ट्राई करो, तुम्हारे लिए लड़का ढूंढने में बाप का जूता घिस जाएगा और ऐसे ही हज़ार जुमले…मात्र 13-14 साल की उम्र तक आते आते एक लड़की ख़ुद को ऐसे गुनाह की सजा देने लगती है जो गुनाह उसने कभी किया ही नहीं…
सुनो साँवली और काली त्वचा वाली लड़कियों तुम उनकी बातों में क़भी मत आना…ये बातें सिर्फ़ तुम्हें गुमराह करने के लिए की जाती हैं जिससे तुम्हारा ध्यान तुम्हारे उद्देश्य से हटकर तुम्हारे रँग पर टिक जाए और तुम हीनभावना की शिकार हो लोगों के हाथ की कठपुतली बनी फ़िरती रहो..उनकी बातों में आकर अपना मनोबल क़भी भी गिरने मत देना…अपना रास्ता बनाने के लिए रोज निकलो धूप में, अपने पसंदीदा रँग पहनो बिना किसी और की पसंद के बारे में सोचे…
हमेशा याद रखना जिंदगी में जो कुछ भी मिलता है आपकी प्रतिभा और काबिलियत के आधार पर मिलता है त्वचा का रँग देखकर नहीं….गोरी लड़कियों को भी उतना ही संघर्ष करना पड़ता है जितना कि तुम्हें..उन्हें भी हार जीत का सामना तुम्हारी ही तरह हँसते रोते हुए करना पड़ता है….
रही बात किसी के द्वारा चाहे जाने और प्यार की तो सबसे पहले तुम अपने आप से प्यार करना सीखो फ़िर देखना ज़िंदगी की हर ख़ुशी और हर रँग कैसे तुम्हारा पीछा करते हैं…..
निवेदिता सिंह