नई दिल्ली :। स्वयंभू संत आसाराम को एक शिष्या के साथ बलात्कार का दोषी मानते हुए गुजरात की गांधीनगर की एक कोर्ट ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई है। सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डीके सोनी ने वर्ष 2013 में दर्ज इस रेप केस में आसाराम पर 23 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है। वहीं पीड़िता को 50 हजार रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को आसाराम को दोषी पाया था, जबकि आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
पत्नी समेत छह अन्य बरी :
आसाराम के खिलाफ यह मामला 2013 में दर्ज किया गया था। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया था, जब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित उसके आश्रम में रहती थी।
सूरत की रहने वाली एक महिला ने अक्टूबर 2013 में आसाराम और सात अन्य के खिलाफ बलात्कार और अवैध तरीके से कैद रखने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। एक आरोपी की मुकदमा लंबित रहने के दौरान मौत हो गई। जुलाई 2014 में मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था। आसाराम फिलहाल बलात्कार के अन्य मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है।





