October 31, 2025 12:40 pm

UAE के अतंरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी ने किया ये कारनामा, रचा इतिहास

Google

नई दिल्ली :। आज 29 अप्रैल दुबई के लिए ऐतिहासिक होने के साथ-साथ बेहद खास रहा। यूएई के अतंरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के बाहर स्पेसवॉक (Spacewalk) कर इतिहास रच दिया। बता दें कि ISS के बाहर स्पेसवॉक करने वाले सुल्तान अल नेयादी पहले मुस्लिम रहे। उन्होंने स्पेस स्टेशन के बाहर लगभग 7 घंटे बिताए। इसी के साथ संयुक्त अरब अमीरात ऐसा 10वां देश बन गया है, जिसके नागरिक ने अंतरिक्ष में स्पेस वॉक की हो।

क्या होता है स्पेसवॉक?

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के मुताबिक, अंतरिक्ष में जब भी कोई अंतरिक्ष यात्री अपने स्पेस स्टेशन से बाहर निकलता है तो उसे स्पेसवॉक कहते हैं। स्पेसवॉक को EVA भी कहा जाता है।

अंतरिक्ष में चलना कोई मामूली बात नहीं होती बल्कि यह एक एक्टिविटी होती है, जिसे एस्ट्रोनॉट्स को पूरा करना होता है। अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन के बाहर आकर एस्ट्रोनॉट्स कई तरीके के टास्क को अंजाम देते है। इस टास्क में मरम्मत कार्य करने से लेकर उपकरणों का परीक्षण करने जैसे प्रमुख कार्य शामिल होते है।

सबसे अधिक स्पेस वॉक करने का विश्व रिकॉर्ड

अंतरिक्ष में स्पेस वॉक करने वाले पहले व्यक्ति एलेक्सी लियोनोव थे। वह रूस से थे। पहला स्पेसवॉक 18 मार्च, 1965 को हुआ था। उन्होंने स्पेस के बाहर महज 10 मिनट ही बिताया था। स्पेसवॉक पर जाने वाले पहले अमेरिकी एड व्हाइट थे। उनका स्पेसवॉक 3 जून, 1965 को जेमिनी 4 मिशन के दौरान हुआ था। व्हाइट का स्पेसवॉक 23 मिनट तक चला था।

आज, अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के बाहर स्पेसवॉक पर जाते हैं। स्पेस वॉक आमतौर पर काम के आधार पर पांच से आठ घंटे के बीच होता है। सबसे अधिक स्पेसवॉक करने का विश्व रिकॉर्ड रूसी अंतरिक्ष यात्री अनातोली सोलोविएव के नाम है। वह 16 स्पेस वॉक कर चुके हैं। यह स्पेसवॉक अंतरिक्ष में बाहर 82 घंटे से अधिक के बराबर हैं।

अंतरिक्ष यात्री स्पेस वॉक पर क्यों जाते हैं?

अंतरिक्ष यात्री कई कारणों से स्पेसवॉक करते हैं। स्पेसवॉक के जरिए अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष में रहते हुए अपने स्पेस स्टेशन के बाहर काम कर सकते हैं। इस दौरान एस्ट्रोनॉट्स कई साइंस एक्सपेरिमेंट करते है, जिसके जरिए वैज्ञानिकों को पता चलता है कि अंतरिक्ष में होने से अलग-अलग चीजें कैसे प्रभावित होती हैं। वे अतंरिक्ष में रहते हुए अपने स्पेस स्टेशन की मरम्मत भी कर सकते हैं।

अंतरिक्ष यात्री स्पेसवॉक पर कैसे जाते हैं?

बता दें कि स्पेसवॉक पर जाना अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खतरों से कम नहीं होता। एस्ट्रोनॉट्स जब स्पेसवॉक पर जाते हैं तो वे खुद को सुरक्षित रखने के लिए स्पेससूट पहनते हैं। यह स्पेससूट भारी से भारी तापमान को झेलने में सक्षम होता है। इस स्पेससूट के अंदर सांस लेने तक के लिए ऑक्सीजन होता है। साथ ही पीने का पानी भी शामिल होता है।

बता दें कि एस्ट्रोनॉट्स स्पेसवॉक जाने से कई घंटों पहले ही स्पेससूट पहन लेते है। सूट पर दबाव डाला जाता है, मतलब यह सूट पूरी तरह से ऑक्सीजन से भरा हुआ रहता हैं। सूट पहनने के बाद अंतरिक्ष यात्री को घंटों तक ऑक्सीजन में सांस लेना होता है और शरीर से नाइट्रोजन निकाल देना होता है।

अगर उनके शरीर में नाइट्रोजन की मात्रा ज्यादा रही तो अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर में गैस के बुलबुले आ सकते हैं। गैस के इन बुलबुलों से अंतरिक्ष यात्रियों के कंधे, कोहनी, कलाई और घुटनों में दर्द बढ़ सकता है।

स्पेशल दरवाजे से स्पेसवॉक के लिए जाते हैं अंतरिक्ष यात्री

अंतरिक्ष यात्री स्पेसवॉक के लिए जब पूरी तरह से तैयार हो जाते है, तब वह स्पेस स्टेशन के स्पेशल दरवाजे से बाहर निकलते है। इस दरवाजे को एयरलोक कहा जाता है। इस एयरलोक के दो दरवाजे होते है।

जब अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन के अंदर होते है तो ये एयरलोक वायुरोधी होता है और कोई हवा बाहर नहीं निकल पाती। जब एस्ट्रोनॉट्स स्पेसवॉक के लिए तैयार होते है, तब एयरलोक के पहले दरवाजे से बाहर निकलते है और उसे कसकर बंद कर देते है। फिर वह दूसरे दरवाजे से स्पेस में आते है। स्पेसवॉक पूरा होने के बाद अंतरिक्ष यात्री उसी एयरलोक के जरिए स्पेस स्टेशन में एंट्री करते है।

UP Ka Agenda
Author: UP Ka Agenda

What does "money" mean to you?
  • Add your answer