December 5, 2025 10:37 pm

फेस टाइम एप पर अतीक ने लिखी थी मर्डर की स्क्रिप्‍ट

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› एक एप के जरिये जेल से हो रहा सारा खेल
› बरेली जेल में अतीक का भाई अशरफ भी इसी एप का कर रहा था इस्तेमाल
› एसटीएफ के हाथ लगे अहम सुराग, इलेक्ट्रानिक साक्ष्य जुटाने का प्रयास

लखनऊ: कहने को तो माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) और उसका भाई अशरफ जेल की सलाखों के पीछे हैं, लेकिन जेल के अंदर से ही वह बड़ी षडय़ंत्रों और घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं. अपने आतंक के इस साम्राज्य को बरकरार रखने के लिए वे आधुनिक टेक्नोलॉजी का भी सहारा लेते रहे हैं. जेल के अंदर से ही वह फेस टाइम एप के माध्यम से अपने गैंग के सदस्यों को आदेश देते रहे. इस फेस टाइम एप से ही उमेश पाल की हत्या का तानाबाना बुना गया. अतीक और अशरफ अपने एप्पल के मोबाइल फोन से वीडियो काल कर गैंग के सदस्यों से लगातार संपर्क में रहते थे.

नहीं होती काल रिकार्ड

एसटीएफ (STF) की जांच में ऐसे ही कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. अब इन साक्ष्यों को एकत्र कर अतीक और उसके गैंग पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है. बताया गया कि फेस टाइम एप (Face Time App) से की गई काल को रिकार्ड नहीं किया जा सकता है और इसे ट्रेस करना भी आसान नहीं है. गौरतलब है कि पहले शातिर अपराधी ब्लैकबेरी मैसेंजर का यूज इस काम के लिए करते थे. उसे भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए ट्रेस करना मुश्किल होता था.

इंटरनेट काल की थी

गुजरात की जेल में अतीक (Atique Ahmed) ने अपना पूरा नेटवर्क बना रखा है. एसटीएफ के एक अधिकारी के अनुसार उमेश पाल की हत्या से पूर्व अतीक ने कई इंटरनेट काल की हैं. घटना के बाद भी उसने एक करीबी से संपर्क किया था, जिसमें उसने विधानमंडल सत्र के दौरान यह वारदात होने का मलाल भी जताया था. उसे इस बात का भी अफसोस था कि उसका बेटा असद वारदात के दौरान कार से बाहर आ गया.

अशरफ भी गैंग के संपर्क में

वहीं बरेली जेल में बंद अशरफ के भी जेल में मोबाइल का यूज करने की जानकारी आ रही हैं. फेस टाइम एप के माध्यम से अशरफ ने अतीक अहमद के अलावा गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों से संपर्क साधा था. एसटीएफ के लिए अतीक अहमद व अशरफ से पूछताछ के दौरान इनसे जुड़े सवाल बेहद अहम होंगे. इसकी पड़ताल में जेल अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका भी जांच के घेरे में होगी.

कई अहम सुराग मिले

वहीं सूत्रों के अनुसार उमेश पाल (Umesh Paal) की हत्या में शामिल फरार शूटर्स के बारे में अब STF को कई अहम सुराग मिल गए हैं. हालांकि इस कांड में शामिल कोई भी शूटर चालाकी दिखाते हुए मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर रहा है, जिससे उनकी सही लोकेशन की जानकारी नहीं मिल पा रही है. वहीं पुलिस और एजेंसियां गुड्डू मुस्लिम और अतीक के बेटे अहमद तक पहुंचने के लिए दिन-रात लगे हुए है.

UP Ka Agenda
Author: UP Ka Agenda

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