- 2016 में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई
- इसी मामले में तीन अन्य के विरुद्ध निलंबन के अतिरिक्त दर्ज़ कराई गई एफआईआर
- प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत हुई कार्रवाई
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्ट्राचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत चकबन्दी विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों के प्रति कठोर कार्यवाही का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में 2016 में भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन चकबंदी अधिकारी समेत चार लोगों को निलंबित करने की बड़ी कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई खेलकूद के मैदान से जुड़ी भूमि से जुड़े मामले में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर की गई है। उल्लेखनीय है कि चकबंदी संबंधी मामलों में भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद बीते हफ्ते ही एक चकबंदी अधिकारी, दो बंदोबस्त अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था, जबकि सहायक चकबन्दी अधिकारी पर विभागीय कार्यवाही के साथ बर्खास्तगी और अनियमितता पर दो चकबन्दी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
जांच समिति की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई
चकबन्दी आयुक्त जीएस नवीन कुमार द्वारा ग्राम सरसेना, परगना चिरैयाकोट तहसील मोहम्मदाबाद गोहना जनपद मऊ के शिकायती प्रार्थना पत्र पर ग्राम के अन्तिम अभिलेख में की गई अनियमितताओं की जांच निदेशालय स्तर से गठित समिति द्वारा करायी गई। समिति के जांच आख्या में यह तथ्य प्रकाश में आया कि तत्कालीन चकबन्दी अधिकारी द्वारा 30 जून 2016 को आदेश पारित करके खेल कूद के मैदान के लिए भूमि सुरक्षित कर खातेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया तथा यह आरक्षण बिना चकबन्दी समिति के प्रस्ताव के तथा बिना ग्राम सभा को नोटिस दिए पारित किया गया।
अनुशासनात्मक कार्यवाही भी शुरू
चकबंदी आयुक्त ने बताया कि इस मामले में जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन चकबन्दी अधिकारी जगदीश कुमार सम्प्रति चकबन्दी अधिकारी बलिया को निलम्बित करते हुए उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही प्रारम्भ की गई है।
साथ ही ग्राम के अन्तिम भूचित्र में गाटा संख्या-1278, 1275 व 1279 को जाली तरीके से बना कर शिकायतकर्ता को नुकसान पहुंचाने तथा अन्य खातेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के दोषी तत्कालीन चकबन्दीकर्ता, इन्द्रजीत यादव सम्प्रति चकबन्दीकर्ता सन्तकबीरनगर तथा प्रमोद कुमार पाण्डेय व यशवन्त सिंह, चकबन्दी लेखपालगण को निलम्बित करते हुए उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही करने व एफआईआर दर्ज कराने साथ ही अन्तिम अभिलेख / भूचित्र में की गई त्रुटि को दुरूस्त करने के लिए जिलाधिकारी और जिला उप संचालक चकबन्दी से अनुरोध किया गया है।