- MOSPI द्वारा जारी एएसआई डेटा के अनुसार फैक्ट्रीज की संख्या, रोजगार, आउटपुट वैल्यू में यूपी ने दर्ज की उल्लेखनीय वृद्धि
- मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के ताजा डेटा के अनुसार, यूपी नई सक्रिय कंपनियों की उच्चतम विकास दर के साथ अग्रणी
LUCKNOW : उत्तर प्रदेश के औद्योगिकीकरण के लिए किए जा रहे योगी सरकार के प्रयास भी रंग ला रहे हैं। मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन (एमओएसपीआई) द्वारा एनुअल सर्वे ऑफ इंडस्ट्रीज (एएसआई) के ताजा डाटा और मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स (एमसीए) की लेटेस्ट रिपोर्ट इसी ओर इशारा कर रही है। मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए जारी एएसआई डेटा के अनुसार उत्तर प्रदेश ने सभी महत्वपूर्ण इंडीकेटर्स जैसे फैक्ट्रीज की संख्या, रोजगार, आउटपुट वैल्यू में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जबकि मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स (एमसीए) के नवीनतम डेटाबेस के अनुसार, यूपी नई सक्रिय कंपनियों की उच्चतम विकास दर के साथ अग्रणी राज्य है।
फैक्ट्रीज की संख्या और रोजगार में हुई वृद्धि
मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन (एमओएसपीआई) ने वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए एएसआई डेटा जारी किया है, जिसमें सभी महत्वपूर्ण इंडीकेटर्स जैसे फैक्ट्रीज की संख्या, रोजगार, आउटपुट वैल्यू में यूपी ने पर्याप्त उछाल दर्ज की है। साथ ही यह भारत में यूपी के शेयर में हुई वृद्धि को भी स्पष्ट करता है। वर्ष 2016 से वर्ष 2020 तक फैक्ट्रीज की संख्या 1.4 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ी हैं, जबकि भारत में हिस्सेदारी 6.6 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रही है। वहीं, महामारी के बाद वित्त वर्ष 2021 की तुलना में वित्त वर्ष 2022 में फैक्ट्रियों में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि हिस्सेदारी भी 6.6 प्रतिशत से बढ़कर 7 प्रतिशत हो गई है। इसी तरह कुल संलग्न व्यक्तियों की बात करें तो 2016 से 2020 तक रोजगार 4.7 प्रतिशत के कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर)से बढ़ा है, जबकि भारत में हिस्सेदारी 6.6 प्रतिशत से बढ़कर 6.8 प्रतिशत हो गई है। महामारी के बाद वित्त वर्ष 2022 में 2021 की तुलना में रोजगार में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि हिस्सेदारी भी 7.1 प्रतिशत से बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो गई है।
नई सक्रिय कंपनियों में यूपी अग्रणी
ग्रॉस वैल्यू एडेड की बात करें तो वित्त वर्ष 2016 से वित्त वर्ष 2020 तक इसमें 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि भारत में हिस्सेदारी 5.1 प्रतिशत से बढ़कर 5.7 प्रतिशत हो गई है। महामारी के बाद ग्रॉस वैल्यू एडेड वित्त वर्ष 2021 की तुलना में वित्त वर्ष 2022 में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि हिस्सेदारी भी 5.8 प्रतिशत से बढ़कर 5.9 प्रतिशत हो गई। उधर, मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स (एमसीए) के नवीनतम डेटाबेस के अनुसार, यूपी नई सक्रिय कंपनियों की उच्चतम विकास दर के साथ अग्रणी है। नवंबर 2022 से नवंबर 2023 की अवधि के दौरान, उत्तर प्रदेश में शीर्ष 10 औद्योगिक राज्यों की तुलना में सक्रिय कंपनियों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है। 16.1 प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश इस मामले में शीर्ष पर है।