November 21, 2024 3:33 pm

वाह! तो ऐसा बनेगा अपनी यूपी “उद्योग प्रदेश”

cm yogi adityanath
  • इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से उत्तर प्रदेश बनेगा “उद्योग प्रदेश”
  • यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स
  • उत्तर प्रदेश के छह एक्सप्रेस-वे के किनारे विकसित किये जाएंगे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स
  • आठ हजार करोड़ की लागत से 29 जिलों में साढ़े पांच हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर डेवलप होंगे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स
  • नेक्स्ट जेनरेशन इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित करने के लिए जापान की प्रख्यात मारुबेनी कॉर्पोरेशन के साथ भी चल रही बात

LUCKNOW :  योगी सरकार उत्तर प्रदेश को “उद्योग प्रदेश” बनाने और राज्य की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने में जुटी हुई है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए सीएम के निर्देश पर प्रदेश के 6 एक्सप्रेस-वे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किये जा रहे हैं। ये औद्योगिक कॉरिडोर उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने की दिशा में अहम योगदान देंगे। हजारों करोड़ के निवेश के साथ ही हजारों की संख्या में रोजगार के सृजन का आधार भी ये औद्योगिक कॉरिडोर बनेंगे। इन कॉरिडोर्स को विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) आठ हजार करोड़ रुपए खर्च करेगा। इसके अंतर्गत प्रदेश के 29 जिलों में 30 स्थानों पर साढ़े पांच हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किये जाएंगे।

25 स्थानों पर भूमि क्रय का काम तेजी से आगे बढ़ रहा

मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण और नये औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत अब तक 25 स्थानों पर 1812 हेक्टेयर (4477 एकड़) भूमि का क्रय हो चुका है, जिसपर 32 सौ करोड़ रुपए से अधिक खर्च हुए हैं। निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और प्रस्तावित चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारे विकसित करते हुए इन क्षेत्रों में उद्योग-धंधों को स्थापित करने की योगी सरकार की बड़ी योजना है। इन एक्सप्रेस-वे के लिए सभी 30 स्थानों पर भूमि चिह्नित कर ली गई है।

5598 हेक्टेयर भूमि खरीद का लक्ष्य

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किनारे बांदा, जालौन, औरैया, महोबा, चित्रकूट और हमीरपुर में भूमि खरीद का कार्य शुरू हो चुका है। निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे मेरठ, हरदोई, संभल, उन्नाव, अमरोहा, बदायूं, शाहजहांपुर, प्रतापगढ़, हापुड़, प्रयागराज और रायबरेली में भी जमीन खरीदने का कार्य जारी है। ऐसे ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे सुल्तानपुर, गाजीपुर, अंबेडकर नगर, बाराबंकी, अमेठी में भूमि क्रय की प्रक्रिया चल रही है। वहीं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस के लिए अंबेडकर नगर और आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए इटावा में जमीनें खरीदी जा रही हैं। हालांकि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे कानपुर नगर, आगरा, कन्नौज और फिरोजाबाद तथा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए लखनऊ में अभी भूमि खरीद की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। अबतक कुल 1812 हेक्टेयर भूमि की खरीद हो चुकी है, जबकि शासन का लक्ष्य 5598 हेक्टेयर भूमि खरीद का है।

जापान की मारुबेनी कॉर्पोरेशन से चल रही बात

मेरठ, संभल, उन्नाव और हरदोई नोड पर भूमि खरीद सबसे ज्यादा हुई है। इसे देखते हुए यूपीडा की ओर से अब यहां प्लानिंग और डेवलपमेंट का कार्य भी शुरू हो चुका है। यूपीडा द्वारा विशेषज्ञ मल्टीनेशनल कंपनी एवं संस्थाओं से साझेदारी करके विशेष इंडस्ट्रियल क्लस्टर और पार्क विकसित करने का भी प्रस्ताव है। इसमें यूपीडा की ओर से उपलब्ध कराई गई भूमि पर संबंधित संस्थाओं द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, विकास कार्य और मार्केटिंग का कार्य किया जाएगा। इस माॅडल पर नेक्स्ट जेनरेशन इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित करने के लिए जापान की प्रख्यात मारुबेनी कॉर्पोरेशन के साथ भी बात चल रही है। मारुबेनी कॉर्पोरेशन जापान की 413 कंपनियों का विशाल समूह है।

UP Ka Agenda
Author: UP Ka Agenda

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