- महिलाओं और बेटियों को न्याय दिलाने में देश में नंबर वन योगी सरकार
- पिछले सात सालों में योगी सरकार ने अपराध और अपराधियों के खिलाफ की ताबड़तोड़ कार्रवाई
- 194 से अधिक अपराधी एनकाउंटर में ढेर, 24 हजार से अधिक अपराधियों को दिलायी सजा
- 124 अरब से अधिक की संपत्ति और 1562 करोड़ से अधिक के मादक पदार्थ जब्त
- जीआईएस-23 में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत दिग्गज नेता और निवेशक कर चुके हैं कानून व्यवस्था की तारीफ
LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में प्रदेश की बागडोर सम्भालते ही सबसे पहले क़ानून व्यवस्था को दुरुस्त करने का बीड़ा उठाया। इसके लिए योगी सरकार ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य करते हुए प्रदेश की क़ानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया, जिसका नतीजा रहा कि यूपी पुलिस ने पिछले सात साल में अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की। यह दर्शाता है कि यूपी में योगी सरकार के आने के बाद प्रदेश में अपराधियों के लिये कोई जगह नहीं है। प्रदेश में उनकी जगह सिर्फ जेल है या फिर दूसरा लोक (पाताल) में है। जो प्रदेश कभी लचर कानून व्यवस्था और माफिया के अत्याचार के लिए जाना जाता था। पुलिस की इस कार्रवाई से वह उत्तर प्रदेश अब देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपराध और भय मुक्त प्रदेश के रूप में जाना जाता है।
सात साल में 194 से अधिक अपराधी मुठभेड़ में ढेर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जीरो टाॅलरेंस नीति के तहत एक्शन लेते हुए यूपी पुलिस ने पिछले सात वर्षों में 194 से अधिक अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया, जबकि 5942 से अधिक अपराधी घायल हुए। इस दौरान 16 जवान वीरगति को प्राप्त हुए, जबकि 1505 पुलिसकर्मी घायल हुए। इतना ही नहीं योगी सरकार ने पिछले सात वर्षों में कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिये 24,743 से अधिक अपराधियों को सजा दिलायी। वहीं 25 हजार से 50 हजार से अधिक की धनराशि के 17837 से अधिक इनामी अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इसके साथ ही गैंगस्टर एक्ट अधिनियम के तहत अपराधियों के खिलाफ 22560 से अधिक मुकदमे दर्ज कर 71600 से अधिक अपराधियों को जेल भेजा गया। 904 से अधिक अपराधियों को रासुका के तहत निरूद्ध किया गया। गैंगस्टर अधिनियम के तहत अपराधियों की 124 अरब, 4 करोड़ 18 लाख, 52 हजार से अधिक की चल-अचल संपत्तियां जब्त की गयीं। राज्य स्तर पर चिह्नित 68 माफिया और उनके गैंग के सदस्यों, सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। अब तक इनकी 3,758 करोड़ से अधिक की संपत्ति पर एक्शन लिया गया। एनसीआरबी के आंकडे़ के अनुसार वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2023 में प्रदेश में डकैती के मामलों में 86.97 प्रतिशत, लूट में 75.66 प्रतिशत, हत्या में 42.99 प्रतिशत, बलवा में 64.24 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण में 72.31 प्रतिशत तथा दुष्कर्म के मामलों में 45.72 प्रतिशत की कमी आयी है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार महिला सम्बन्धी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश, देश में नम्बर वन है।
महिलाओं, बालिकाओं की सुरक्षा को प्रदेश भर में लगाए गए 10 लाख से अधिक सीसीटीवी
जीआईएस-23 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत दिग्गज नेताओं और निवेशकों ने यूपी की कानून व्यवस्था की जमकर तारीफ की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश में 40 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आने का सबसे बड़ा श्रेय यूपी पुलिस को दिया था। यूपी पुलिस ने इस मुकाम को यूं ही नहीं हासिल किया, बल्कि इसके पीछे अपराध पर लगाम लगाने और अपराधियों पर नकेल कसने की चरणबद्ध तरीके से योजना बनाई और चलाई गई। वहीं प्रदेश में महिलाओं, बालिकाओं, बुजुर्गों और बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेशभर में 4 लाख, 4 हजार 271 से अधिक स्थानों पर 10.49 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। प्रदेश में अवैध नशे के सौदागरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया। वर्तमान में 6 नारकोटिक्स थाने और 8 ऑपरेशनल यूनिट संचालित हैं। ऑपरेशनल यूनिट में मेरठ, आगरा, बरेली, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर और 6 थाने बाराबंकी, गोरखपुर, मेरठ, सहारनपुर, झांसी और गाजीपुर में स्थापित किये गये। अवैध मादक पदार्थ के विरुद्ध विशेष नशा मुक्ति अभियान चलाकर 20219 से अधिक मुकदमे दर्ज किये गये। इनके पास से 1562 करोड़, 47 लाख, 02 हजार 699 रुपये से अधिक के अवैध मादक पदार्थ जब्त किये गये। वहीं गैंगस्टर अधिनियम के तहत 1385 अपराधियों के खिलाफ 414 मुकदमे दर्ज किये गये, जबकि 2098 अपराधियेां को कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिये सजा दिलवाई गयी। इसके अलावा गैंगस्टर अधिनियम के तहत 264 करोड़ 48 लाख 51 हजार 104 रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गयी।
पिछले सात में गृह विभाग की प्रमुख उपलब्धियां
- कानून व्यवस्था
- महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तिकरण के लिए 1,699 एंटी रोमियो स्क्वाॅयड का गठन कर लगातार अभियान चलाया
- नवीन बीट प्रणाली लागू करते हुए प्रदेश के 1,518 थानों में कुल 15,130 महिला पुलिस कर्मियों को नियुक्त करते हुए 10,378 महिला बीटों का आवंटन किया गया
- महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी परियोजना में महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, इण्टीग्रेशन, डार्क स्पाॅट्स का चिह्नीकरण व लाइट्स लगाना, हाॅट प्वाइंट्स को चिह्नित करने, पिंक बूथों की स्थापना तथा बस/टैक्सियों में पैनिक बटन की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी।
- यूपी 112 के तहत 4,800 पीआरवी वाहन संचालित।
- 3 महिला पीएसी बटालियन जनपद लखनऊ, गोरखपुर एवं बदायूं में स्थापित। बलरामपुर, जालौन, मिर्जापुर, शामली तथा बिजनौर में 5 अन्य पीएसी बटालियन स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही।
- अप्रैल 2017 से जनवरी 2024 तक पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर 1,55,830 भर्तियां तथा 1,41,866 पदोन्नतियां की गयीं।
आपदाओं में त्वरित कार्यवाही के लिए उप्र राज्य आपदा मोचन बल का गठन किया गया। - भ्रष्टाचार निवारण संगठन की 8 नई इकाइयां सृजित । 40 एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स को थाना घोषित किया गया है।
- उप्र स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की 6 वाहिनियां गठित की गईं।
- समस्त थानों में साइबर क्राइम सेल गठित किया गया। वर्तमान में सभी 75 जनपदों में साइबर क्राइम थाना संचालित। समस्त थानों को सीसीटीवी कैमराें से युक्त किया गया।
- उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आॅफ फाॅरेन्सिक साइंसेज, लखनऊ में प्रथम शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ हो गया है।
- 64 नवस्थापित अग्निशमन केन्द्र संचालित हो गये हैं। इसके अतिरिक्त 36 अग्निशमन केन्द्र इसी वर्ष संचालित हो जाएंगे।
- 98,629 अवैध लाउडस्पीकर हटाये गये और 1,04,029 लाउडस्पीकरों की ध्वनि मानक के अनुसार कम करायी गयी।
सतर्कता
– उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान को और अधिक प्रभावी बनाये जाने हेतु 10 सेक्टर-लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, झांसी, आगरा, बरेली तथा मेरठ को थाना अधिसूचित किया गया है। इनकी अधिकारिता सम्बन्धित सेक्टर के अधीन आने वाले जिलों पर होगी।
होमगार्ड्स विभाग
– होमगार्ड्स स्वयं सेवकों की मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जा रही। वर्ष 2023-24 में लगभग 400 होमगार्ड्स के परिवारों को लाभान्वित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त होमगार्ड्स को 30 लाख रुपये की दुर्घटना बीमा योजना से आच्छादित किया गया।
कारागार विभाग
– कारागारों में बन्दियों को कुशल बनाने के लिए ओडीओपी की तर्ज पर कारागारों में ‘वन जेल वन प्रोडक्ट’ (ओजेओपी) को अपनाया गया।