- सीएम योगी ने जीबीसी-4 की तैयारियों का लिया जायजा, अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश
- सीएम योगी ने पीएम समेत अन्य वीआईपी मेहमानों के बैठने और अन्य सुविधाओं के बारे में ली जानकारी ली
- कार्यक्रम में दुनिया भर के 3000 से अधिक प्रतिभागियों के प्रतिभाग करने की संभावना
Lucknow : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-4 (जीबीसी-4) को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत शनिवार को इंदिरगांधी प्रतिष्ठान पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से जीबीसी-4 को लेकर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सीएम योगी ने खासतौर पर प्रधानमंत्री समेत अन्य वीआईपी मेहमानों और निवेशकों के आवागमन, बैठने और अन्य सुविधाओं के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। साथ ही उन्होंने मुख्य हाल और वहां बने मंच का निरीक्षण किया।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 10 से 12 फरवरी के मध्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ था। उसके करीब एक वर्ष बाद 19-21 फरवरी के बीच ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-4 का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पीएम मोदी समेत तमाम वीआईपी शामिल होंगे। साथ ही कार्यक्रम में दुनिया भर के 3000 से अधिक प्रतिभागियों के प्रतिभाग करने की संभावना है, जिसमें जाने माने उद्योगपति, फॉर्च्यून ग्लोबल/इण्डिया 500 कंपनियां, विदेशी निवेशक भागीदार, राजदूत/उच्चायुक्त एवं अन्य प्रतिष्ठित अतिथि सम्मिलित हैं।
स्टील शिपिंग कंटेनर्स बेस्ड जर्मन हैंगर में होगा मुख्य आयोजन
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में नए इनोवेशन के जरिए 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की ओर तेजी से कदम बढ़ाते उत्तर प्रदेश की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था को दर्शाया जा रहा है। इसके तहत स्टील के शिपिंग कंटेनर्स को बेस बनाकर जर्मन हैंगर बनाए जा रहे हैं। 70 मीटर लंबा तथा 20 मीटर ऊंचा बन रहे इस इवेंट को 56 कंटेनरों को एक के ऊपर एक रखकर बने स्ट्रक्चर के टेंट में परिवर्तित करते हुए मेन पैवेलियन का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त यहां श्रीराम जन्मभूमि मंदिर समेत डिफेंस के तमाम इक्विप्मेंट्स के 3डी रेप्लिका मॉडल्स को दर्शाया जाएगा।
34 लाख रोजगार के अवसरों का होगा सृजन
पिछले वर्ष फरवरी माह में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 भव्य आयोजन हुआ था। इस आयोजन के मात्र एक वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश को धरातल पर उतारने जा रही है। इससे 34 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होने के साथ ही 14,000 से अधिक परियोजनाएं मूर्त रुप लेंगी।