- ग्रेटर नोएडा में इंस्टीट्यूशनल प्लॉट्स के लिए ई-ऑक्शन की नई स्कीम लायी योगी सरकार
- -सीएम योगी के विजन अनुसार, 13 इंस्टीट्यूशनल प्लॉट्स के आवंटन के लिए करोड़ों की बोली लगा सकेंगे आवेदनकर्ता, 24 अक्टूबर से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया
- -इस स्कीम के जरिए हायर सेकेंडरी स्कूल, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैरामेडिकल, वोकेशनल ट्रेनिंग व एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना का मार्ग होगा प्रशस्त
- -1000 से लेकर 10,005 स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र वाले प्लॉट्स के आवंटन का मार्ग होगा प्रशस्त, 2.99 करोड़ से लेकर 35.17 करोड़ रुपए के बीच रिजर्व प्राइस है निर्धारित
- -ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने शुरू की तैयारी, 43 कमर्शियल शॉप्स तथा 20 ढाबा व कियोस्क के प्लॉट्स के आवंटन की प्रक्रिया को भी दी जा रही गति
LUCKNOW : उत्तर प्रदेश को उद्यम प्रदेश के रूप में परिवर्तित कर रही योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा के समेकित विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सीएम योगी के विजन अनुसार, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रेटर नोएडा के केपी-05, एमयू, सेक्टर 10, ईटीए-02, केपी-01 तथा टेकजोन-4 में इंस्टीट्यूशनल प्लॉट्स के लिए ई-ऑक्शन की नई स्कीम लेकर आई है। इन 13 इंस्टीट्यूशनल प्लॉट्स के आवंटन के लिए आवेदनकर्ता करोड़ों की बोली लगा सकेंगे और 24 अक्टूबर से इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। इस स्कीम के जरिए हायर सेकेंडरी, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, पैरामेडिकल व ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, वोकेशनल ट्रेनिंग तथा एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना हो सकेगी। इस स्कीम के जरिए कुल 170 करोड़ रुपए के रिजर्व प्राइस वाले प्लॉट्स के आवंटन का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके साथ ही, 43 कमर्शियल शॉप्स व ऑफिस तथा 20 ढाबा व कियोस्क के प्लॉट्स के आवंटन की प्रक्रिया को भी गति दी जा रही है।
1000 से लेकर 10,005 स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र वाले हैं प्लॉट्स, रिजर्व प्राइस तय
योजना के अंतर्गत, 1000 से लेकर 10,005 स्क्वेयर मीटर प्रसार क्षेत्र वाले प्लॉट्स के आवंटन का मार्ग प्रशस्त होगा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा इस योजना के अंतर्गत जो प्लॉट्स ई-ऑक्शन के लिए उपलब्ध हैं उनका रिजर्व प्राइस 2.99 करोड़ से लेकर 35.17 करोड़ रुपए के बीच निर्धारित है। योजना के अंतर्गत, केपी-05 के प्लॉट 12बी का क्षेत्रफल 10 हजार स्क्वेयर मीटर है और इसका रिजर्व प्राइस 30.28 करोड़ रखा गया है। वहीं, केपी-05 के प्लॉट एचएस-12सी का क्षेत्रफल 6200 स्क्वेयर मीटर है और इसका रिजर्व प्राइस 18.34 करोड़ निर्धारित है। यह दोनों प्लॉट्स हायर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
2 हॉस्पिटल, 1 नर्सिंग होम व 6 एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की हो सकेगी स्थापना
सीएम योगी के विजन अनुसार, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा लायी गई ई-ऑक्शन स्कीम में एमयू सेक्टर का प्लॉट एचओ-2 इस योजना का सबसे बड़ा और महंगा प्लॉट है। इसका क्षेत्रफल 10,005 स्क्वेयर मीटर है और इसका रिजर्व प्राइस 35.17 करोड़ निर्धारित है। वहीं, सेक्टर 10 के प्लॉट नंबर एचओ-2 का क्षेत्रफल 4439.50 वर्ग मीटर है और इसका रिजर्व प्राइस 19.52 करोड़ रखा गया है। इन दोनों प्लॉट्स पर हॉस्पिटल की स्थापना होगी। ईटीए-02 में 2511.40 क्षेत्रफल वाले प्लॉट एनएच-01 का रिजर्व प्राइस 10.70 करोड़ निर्धारित है जिस पर नर्सिंग होम की स्थापना हो सकेगी। केपी-01 में प्लॉट 34 ए व बी का क्षेत्रफल 2 हजरा स्क्वेयर मीटर है जिसका रिजर्व प्राइस 5.99 करोड़ है और यहां पैरामेडिकल व ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना हो सकेगी। इसी प्रकार, टेक जोन-4 के प्लॉट 06 व 07 का क्षेत्रफल 2000.27 वर्ग मीटर है और इसका रिजर्व प्राइस 5.99 करोड़ है। टेक जोन-4 के 26 व 27 का क्षेत्रफल 4000.39 वर्ग मीटर है और रिजर्व प्राइस 11.44 करोड़ है। वहीं केपी-5 के प्लॉट 89 (क्षेत्रफल 2001 वर्ग मीटर, रिजर्व प्राइसः 5.72 करोड़) तथा केपी-01 के 34सी में योजना के सबसे छोटे प्लॉट (क्षेत्रफल 1000.45 वर्ग मीटर, रिजर्व प्राइसः 2.99 करोड़) के आवंटन के जरिए वोकेशनल ट्रेनिंग व एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
नवंबर में भूमि आवंटन के लिए ई-ऑक्शन प्रक्रिया को किया जाएगा पूरा
इंस्टीट्यूशन प्लॉट्स के ई-ऑक्शन की स्कीम के लिए फाइनल सब्मिशन डेट 18 नवंबर निर्धारित की गई है और ई-ऑक्शन की प्रक्रिया नवंबर में पूरी की जाएगी। वहीं, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की कॉमर्शियल शॉप/ऑफिस/ढाबा व कियोस्क स्कीम की ई-ऑक्शन प्रक्रिया को भी नवंबर में ही पूरा किया जाएगा। इस स्कीम के जरिए 43 कमर्शियल शॉप्स व ऑफिस तथा 20 ढाबा व कियोस्क के प्लॉट्स के आवंटन का मार्ग प्रशस्त होगा। इनमें 10.40 से लेकर 400 स्क्वेयर मीटर क्षेत्रफल वाले प्लॉट्स का आवंटन होगा जिसकी टोटल कॉस्टिंग 13.65 लाख से लेकर 2.57 करोड़ के बीच निर्धारित है।