नए संसद भवन में राजदंड (सेलोंग) की स्थापना को लेकर भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी. राजगोपालाचारी के परपोते सी. आर. केसवन ने खुलकर बात की और इसके बारे में विस्तार से बताया.
भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी. राजगोपालाचारी के परपोते सी. आर. केसवन ने कहा कि “यह राजदंड पहले माउंटबेटन को दिया गया, जिसे बाद में पुजारी को दे दिया गया. फिर गंगाजल से पवित्र किया गया और बाद में नेहरू जी को दी गई, यह एक ऐतिहासिक घटना थी। इसके बार में किसी को नहीं पता था।
इस राजदंड (सेलोंग) को इलाहाबाद संग्रहालय में यह कहकर रखा गया कि यह एक गोल्डन वॉकिंग स्टिक है जो पंजित नेहरू को दी गई थी”. आगे उन्होंने कहा “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं कि वे इस पवित्र राजदंड सैंगोल को फिर से जिवांत किया।
सन 1947 में जब आज़ादी नज़दीक थी तब राजगोपालाचारी ने नेहरू जी को बताया कि यह प्राचीन भारतीय सभ्यता परंपरा है कि जब सत्ता का हस्तांतरण होता है तब पवित्र राजदंड सैंगोल को मुख्य पुजारी द्वारा नए राजा (King) को दिया जाता है और यही होना चाहिए.





