नैरोबी: केन्या की सरकार ने 60 लाख पक्षियों को मारने का लक्ष्य रखा है. यह दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाली पक्षी प्रजातियां हैं, जिनका नाम क्वेलिया है. ये हमेशा झुंड में रहती हैं और ये छोटी चिड़िया गेहूं, जौ, चावल, सूरजमुखी और मकई जैसी फसले खाते हैं.
दरअसल हॉर्न ऑफ अफ्रीका (horn of africa) कहे जाना वाला सोमालिया, इथियोपिया, इरिट्रिया, जिबूती, सूडान, केन्या और दक्षिण सूडान जैसे अफ्रीकी महाद्वीप के पूर्वी देश इस समय इतिहास के सबसे लंबे और सबसे भीषण सूखे का सामना कर रहे हैं. इस सूखे के कारण लाखों लोगों पर भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है.
भीषण सूखे की वजह से घास के मैदान बिल्कुल साफ हो चुके हैं. इन घासों के बीज ही क्वेलिया पक्षियों (quelia birds) का मुख्य भोजन स्रोत है. घास खत्म होने के बाद ये पक्षी तेजी से अनाज के खेतों पर आक्रमण कर रहे हैं. जिससे बचा-खुचा अनाज भी संकट में है.
इन छोटी पक्षियों को मारने के पीछे क्या है वजह?
एक रिपोर्ट में मुताबिक केन्या में इन पक्षियों ने अब तक 300 एकड़ चावल की फसल को चट कर दिया है. 20,000,00 क्वेनिया पक्षियों का झुंड एक दिन में 50 टन अनाज खा सकता है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पश्चिमी केन्या (Kenya) में इन पक्षियों के कारण किसान करीब 60 टन अनाज से हाथ धो चुके हैं. इसी वजह से इन पक्षियों (quelia birds) को मारने का फरमान वहां की सरकार ने दिया है.