UP: उत्तर प्रदेश सरकार लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। इसी कड़ी में रोगियों को उनके घर के पास उपचार उपलब्ध कराने की मुहीम भी शुरू की गयी थी, जो अब धीरे-धीरे रंग ला रही है।
बीते एक साल में करीब 99 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व नगरीय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में मरीजों को इलाज मिलने की राह आसान हुई है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मिडिया को बयान देते हुए कहा कि हमारी सरकार की इस मुहीम से बड़े अस्पतालों से मरीजों का दबाव कम हो जायेगा। सरकारी अस्पतालों में संसाधन बढ़ने से मरीजों का भरोसा उनपर बढ़ा है।
अस्पतालों में बढ़ायी जा रही सुविधाएं
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में OPD में रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसकी बड़ी वजह अस्पतालों में संसाधनों का बढ़ाया जाना है। उन्होंने आगे कहा कि अस्पतालों में डॉक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ तक की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही इलाज के लिए आधुनिक मशीन अस्पतालों में स्थापित की जा रही हैं। टेलीमेडिसिन व टेली रेडियोलॉजी से अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है। वहीं नए अस्पतालों का निर्माण कार्य तेज़ी से किया जा रहा है । जिससे प्रदेश के लोगों को समय पर उपचार मिल सके।
प्रदेश में नये अस्पताल खोले जा रहे
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि 2017 से लेकर अब तक बड़ी संख्या में नगरीय क्षेत्र के अस्पतालों में वृद्धि की गई है। मौजूदा समय में प्रदेश के अंदर 603 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) संचालित हो रहे हैं। इसके साथ ही 508 नगरीय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचवीएस) में मरीजों का उचित इलाज हो रहा है।
मरीजों को मुफ्त मिल रहा इलाज
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नगरीय अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त डॉक्टर की सलाह से लेकर जाँच तक की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही दवाएं भी मुफ्त में दी जा रही है। मरीजों को घर के नजदीक इलाज करवाने की सहूलियत दी जा रही है और इसे तेज़ी से बढ़ने का काम हो रहा है। वहीं प्रदेश के बड़े अस्पतालों पर मरीजों का दबाव भी कम रहा है। इससे गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज समय पर मिलने की राह आसान हो रही है।
