- साढ़े सात वर्षों में निवेश के अनुकूल माहौल बनाने के लिए सीएम योगी ने सरकारी कार्यप्रणाली में किया बड़ा बदलाव
- योगी सरकार ने पुराने उद्योगों के साथ ही नए उद्योगों को आकर्षित करने के लिए 27 सेक्टोरल पॉलिसी को किया लागू
- कानून व्यवस्था में किया बड़ा सुधार, प्रदेश में उद्यमियों और व्यापारियों के डर को किया खत्म
- निवेश मित्र पोर्टल के जरिए उद्यमियों को दिया बल, एनओसी और ऑनलाइन इंसेंटिव को बनाया आसान
- उद्योगों को 24 घंटे बिजली आपूर्ती की गई सुनिश्चित, सभी 75 जिलों में बिना भेदभाव उपलब्ध कराई जा रही बिजली
- उद्यमियों की सहायता के लिए हाईवे, एक्सप्रेसवे, रेलवे, एयरपोर्ट और वाटरवे की कनेक्टिविटी पर तेजी से हुआ काम
LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को 32 निवेशकों को 1300 करोड़ की प्रोत्साहन राशि और विभिन्न कंपनियों को एलओसी वितरण किया। यह कार्यक्रम अपनी नीतियों के प्रति योगी सरकार की प्रतिबद्धता, प्रदेश के बदले परिवेश और रोजगार सृजन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये ऐसे ही नहीं हुआ है। विगत साढ़े सात वर्षों में निवेश के अनुकूल माहौल बनाने के लिए सीएम योगी ने दिन रात एक किया है। पुराने उद्योगों के साथ ही नए उद्योगों को आकर्षित करने के लिए 27 सेक्टोरल पॉलिसी बनाई गई हैं और उन्हें लागू किया गया है। कानून व्यवस्था में सुधार करके उद्यमियों और व्यापारियों के डर को खत्म किया है। निवेश मित्र पोर्टल को संचालित किया है, जिसके जरिए उद्यमियों को एनओसी के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे। साथ ही उन्हें ऑनलाइन इंसेंटिव का लाभ भी मिल रहा है। उद्योगों को 24 घंटे बिजली आपूर्ती सुनिश्चित की गई है। उनकी सहायता के लिए हाईवे, एक्सप्रेसवे, रेलवे, एयरपोर्ट और वाटरवे की कनेक्टिविटी पर तेजी से काम हुए हैं। ओडीओपी को प्रोत्साहित करके उन्होंने प्रदेश के अंदर निवेशकों को भी प्रेरित किया है। कुल मिलाकर सीएम योगी ने निवेशकों से जो वादा किया, उसकी शत प्रतिशत डिलीवरी करके उनके मन में प्रदेश सरकार और यहां की कार्य प्रणाली के लिए विश्वसनीयता स्थापित की है।
निवेश मित्र पोर्टल ने 15.40 लाख से अधिक आवेदनों को सफलतापूर्वक किया निस्तारित
उत्तर प्रदेश को देश का ‘इकोनॉमिक पावर हाउस’ बनाने में सबसे बड़ी भूमिका सिंगल विंडो सिस्टम निवेश मित्र पोर्टल की रही है। निवेश मित्र पोर्टल ने एनओसी/लाइसेंस के 15.40 लाख से अधिक आवेदनों को सफलतापूर्वक निस्तारित किया है। 8 लाख से अधिक उद्यमियों ने निवेश मित्र पोर्टल के विषय में ‘संतुष्टि’ का फीडबैक दिया है। इस पोर्टल पर अब तक 10 लाख से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं। योगी सरकार के इस सिंगल विंडो सिस्टम पर 42 से अधिक विभागों की 491 से अधिक लाइसेंस संबंधी सेवाएं उपलब्ध हैं। विगत 6 वर्षों में इस पोर्टल को उत्तर प्रदेश में निवेश के इच्छुक उद्यमियों की तरफ से एनओसी/लाइसेंस के लिए 15.90 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं, जिसमें से पोर्टल द्वारा 97 प्रतिशत आवेदनों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया जा चुका है। वहीं, सरकार ने उद्यमी मित्रों की नियुक्ति करके निवेशकों की समस्याओं के निराकरण के लिए बड़ा प्रयास किया है।
बिजली सप्लाई में उद्यमियों को दी गई ओपन एक्सेस की सुविधा
आज उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में बिना भेदभाव बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। इंडस्ट्री को ओपन एक्सेस की सुविधा दी गई है और साथ ही उन्हें रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से बिजली आपूर्ति की सुविधा का लाभ प्रदान करने की पहल की है। यूपीसीडा के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों में सोलर प्लांट, सोलर पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। जिला मुख्यालयों को 24 घंटे, तहसील मुख्यालय को 20 से 22 घंटे और ग्रामीण इलाकों को 18 से 20 घंटे बिजली दी जा रही है।
अपराध, अपराधियों, भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति अपनाया जीरो टॉलरेंस
योगी सरकार ने अपराध और अपराधियों के प्रति और भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जिससे कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। एनसीआरबी के डाटा के मुताबिक 2016 से 2024 की तुलना में तो यूपी में अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है। डकैती में 86.47, लूट में 78. 17, हत्या में 43.21, बलवा में 67.42 और फिरौती के लिए अपहरण में 70 फीसदी की कमी आई है। 2017 से 2022 में यूपी के सापेक्ष तेलंगाना, ओडिशा, राजस्थान, पं. बंगाल, महाराष्ट्र में अपराध अधिक बढ़े थे। यूपी में निरोधात्मक कार्रवाई के मामले में शस्त्र अधिनियम के तहत 2016 की तुलना में 2024 में 4.45 प्रतिशत, एनडीपीएस में 14.98 फीसदी, आबकारी अधिनियम के अंतर्गत 57.95 प्रतिशत, गुंडा अधिनियम 70.69, गैंगस्टर के तहत 15.81 फीसदी अधिक कार्रवाई सरकार ने की है।
प्रदेश में एक्सप्रेसवे, इंटरस्टेट कनेक्टिविटी और हाईवे का बिछा जाल
प्रदेश सरकार ने 10 महत्वपूर्ण सेक्टर बनाए हैं, उनमें इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्वपूर्ण रोल है। प्रदेश के अंदर एक्सप्रेसवे, इंटरस्टेट कनेक्टिविटी, हाईवे का एक बेहतरीन जाल बिछ चुका है। यमुना एक्सप्रेसवे पहले से था। 2017 में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे बन रहा था। वहीं, पिछले 7 वर्ष में कई एक्सप्रेसवे बनाए गए हैं। इसमें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, दिल्ली आगरा एक्सप्रेसवे शामिल है। दिसंबर 2024 तक गंगा एक्सप्रेसवे भी बनकर तैयार हो सकता है। इसके अलावा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के साथ ही चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे पर कार्य हो रहा है। शाहजहांपुर से फर्रूखाबाद होते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए एक नए एक्सप्रेसवे पर कार्य जल्द शुरू होने जा रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने की कार्यवाही को भी सरकार आगे बढ़ा रही है। इंटरस्टेट कनेक्टिविटी को फोरलेन की कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है। हर जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय को फोर लेन और ब्लॉक मुख्यालय को टू लेन के साथ जोड़ने पर तेजी से काम हो रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में रेलवे नेटवर्क को भी मजबूत किया गया है। दिल्ली और मेरठ के बीच रैपिड रेल शुरू हुई है। पहले दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी कम होने के बाद भी साढ़े तीन से चार घंटे का समय लगता था। आज यह दूरी 40 से 45 मिनट में पूरी की जा सकती है।
एयर कनेक्टिविटी के साथ ही वाटरवे पर भी हो रही कार्यवाही
उत्तर प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी के लिए भी कार्य हुए हैं। अब तक 4 इंटरनेशनल एयरपोर्ट और 11 डॉमेस्टिक एयरपोर्ट क्रियाशील हैं और बहुत जल्द ही 5वें इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में जेवर एयरपोर्ट को भी क्रियाशील किया जाना है। यह एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में से एक होने जा रहा है जो उत्तर प्रदेश की इकॉनमी के लिए बहुत बड़ी बात होगी। यही नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने वाटरवे का निर्माण भी किया है। वाराणसी से हल्दिया के बीच में वाटरवे सफलतापूर्क कार्य कर रहा है, तो अयोध्या से हल्दिया के बीच में वाटरवे के सर्वे की कार्यवाही को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश उन राज्यों में है जिसने वाटरवे अथॉरिटी की स्थापना करके जलमार्गों की संभावनाओं को भी गति देने की कार्यवाही को अंजाम दिया है।