• संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र की आम बहस में भारत गर्जा.
• विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा वे दिन ख़त्म हो गए हैं जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे.
• कई खास बातों के साथ महिला आरक्षण का किया जिक्र.
न्यूयॉर्क: UNGA (संयुक्त राष्ट्र महासभा) के 78वें सत्र की आम बहस में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि कुछ देशों द्वारा एजेंडा तय करने और दूसरों से उसके अनुरूप होने की उम्मीद करने के दिन अब खत्म हो गए हैं. उन्होंने आगे कहा कूटनीति और बातचीत ही एकमात्र प्रभावी समाधान हैं.
क्या क्या कहा एस. जयशंकर ने ?
UNGA में विदेश मंत्री में एस. जयशंकर ने कहा, “ऐसे समय में जब पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण इतना तीव्र है और उत्तर-दक्षिण विभाजन इतना गहरा है, नई दिल्ली शिखर सम्मेलन भी इस बात की पुष्टि करता है कि कूटनीति और संवाद ही एकमात्र प्रभावी समाधान हैं… वे दिन ख़त्म हो गए हैं जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और दूसरों से उसके अनुरूप चलने की उम्मीद करते थे।”
उन्होंने आगे कहा “भारत की पहल की वजह से G-20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्यता मिली है। ऐसा करके हमने पूरे महाद्वीप को एक आवाज दी, जिसका काफी समय से हक रहा है। इस महत्वपूर्ण कदम से संयुक्त राष्ट्र, जो उससे भी पुराना संगठन है, सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए प्रेरित होना चाहिए।”
भारत विविध साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है। गुटनिरपेक्षता के युग से, अब हम ‘विश्व मित्र – दुनिया के लिए एक मित्र’ के युग में विकसित हो गए हैं। यह विभिन्न देशों के साथ जुड़ने और जहां आवश्यक हो, हितों में सामंजस्य स्थापित करने की हमारी क्षमता और इच्छा में परिलक्षित होता है। यह QUAD के तीव्र विकास में दिखाई देता है; यह BRICS समूह के विस्तार या I2U2 के उद्भव में भी समान रूप से स्पष्ट है।”
महिला आरक्षण का किया जिक्र
UNGA में विदेश मंत्री में एस. जयशंकर ने कहा, “हमने 75 देशों के साथ विकासात्मक साझेदारी बनाई है। आपदा और आपातकालीन स्थिति में भी हम पहले उत्तरदाता बने हैं। तुर्की और सीरिया के लोगों ने यह देखा है।”
हमारा नवीनतम दावा विधायिकाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए अग्रणी कानून है। मैं एक ऐसे समाज के लिए बोलता हूं जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं ने गहरी आधुनिक जड़ें हैं। परिणामस्वरूप, हमारी सोच, दृष्टिकोण और कार्य अधिक जमीनी और प्रामाणिक हैं।”
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