नई दिल्ली :। हिंदू धर्म में पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सुहागिन महिलाएं करवा चौथ, हरतालिका तीज जैसे कई व्रत रखती हैं। इन्हीं त्योहारों में से एक है गणगौर की पूजा। इस दिन सुहागिन महिलाएं ही नहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखकर पूजा पाठ करती हैं। सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं माता पार्वती और भगवान शिव की मिट्टी की मूर्ति बनाती हैं और दुर्वा और फूल से पूजा करती हैं।
17 दिन चलता है गणगौर पूजा का पर्व :
फाल्गुन मास की पूर्णिमा यानी होलिका दहन के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाती है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस साल 8 मार्च से शुरू होकर 24 मार्च 2023 को समाप्त होगा।
गणगौर पूजा 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त :
गणगौर 2023 की तिथि- 24 मार्च 2023, शुक्रवार
तृतीया तिथि प्रारंभ- 23 मार्च 2023 को शाम 6 बजकर 20 मिनट पर
तृतीया तिथि समापन- 24 मार्च 2023 को शाम 4 बजकर 59 मिनट
गणगौर 2023 धार्मिक महत्व :
गणगौर व्रत का विशेष महत्व है। इस पर्व को सुहागन और कुंवारी कन्याएं धूमधाम से मनाती है। इस दिन माता पार्वती और शिव जी की पूजा करने का विधान है। महिलाएं पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य के लिए और कुंवारी कन्याएं मनचाहा पति पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं।
इस व्रत की सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस व्रत के बारे में पत्नी अपने पति को नहीं बताती है और न ही प्रसाद खाने के लिए देती हैं।
