- उत्तर प्रदेश की फिल्म सिटी में समाएगा पूरा भारत
- फिल्म सिटी के अंदर देश भर की प्रमुख आउटडोर लोकेशंस को किया जा सकेगा कैप्चर
- कश्मीर से लेकर हिमाचल, पंजाब, राजस्थान और गुजरात की प्रमुख लोकेशंस को मिलेगा स्थान
- अयोध्या, वाराणसी के घाट से लेकर यूपी के प्रमुख स्थलों के लिए भी फिल्ममेकर्स को नहीं पड़ेगा भटकना
- फिल्ममेकर्स आइडिया लेकर आएंगे और फिल्म सिटी से पूरी फिल्म बनाकर वापस जाएंगे
LUCKNOW : सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट इंटरनेशनल फिल्म सिटी, फिल्ममेकर्स को एक सिनेमैटिक एडवेंचर का अहसास कराएगा। उत्तर प्रदेश के जेवर में बनने वाली इस फिल्म सिटी में फिल्ममेकर्स आइडिया लेकर आएंगे और यहां से पूरी फिल्म बनाकर वापस जाएंगे। फिल्म मेकिंग के लिए जिन चीजों की भी आवश्यकता होती है, वो सबकुछ उन्हें यहां मिलेगा। सबसे खास बात ये होगी कि उन्हें भारत की विभिन्न लोकेशंस में शूटिंग के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें फिल्म सिटी में ही पूरा भारत मिलेगा। कश्मीर और हिमाचल के बर्फ से ढके पहाड़ों से लेकर गोवा के प्राकृतिक समुद्र तटों तक और दिल्ली की प्रमुख इमारतों से लेकर केरल की हरियाली तक, फिल्ममेकर्स को एक ही स्थान पर भारत की विविधता को कैप्चर करने का अवसर मिलेगा। मालूम हो कि यीडा क्षेत्र में निर्मित होने वाली इस फिल्म सिटी को विकसित करने की जिम्मेदारी बोनी कपूर और भूटानी इंफ्रा के वेंचर बेव्यू प्रोजेक्ट्स एलएलपी को मिली है। कंपनी ने अपने प्रजेंटेशन में इसी कांसेप्ट को तरजीह दी है।
विभिन्न राज्यों के प्रमुख स्थलों का होगा कलेक्शन
यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि फाइनेंशियल बिड से पहले टेक्निकल बिड के दौरान बिड में शामिल चार कंपनियों ने फिल्म सिटी को लेकर अपने कांसेप्ट, डिजाइन और थीम पर प्रजेंटेशन दिया था। फाइनेंशियल बिड में 18 परसेंट रेवेन्यू शेयर के साथ बेव्यू प्रोजेक्ट ने सफलता प्राप्त की है। उनका कांसेप्ट सभी को पसंद आया है। इस कांसेप्ट के अनुसार फिल्म सिटी में आउटडोर लोकेशंस में भारत के विभिन्न राज्यों के प्रमुख स्थलों का बड़ा कलेक्शन शामिल है। फिल्ममेकर्स अब यहां से देश और दुनिया की किसी भी लोकेशंस को यहां शूट कर सकेंगे। प्रजेंटेशन में जिन आउटडोर लोकेशंस का जिक्र किया गया है, उसमें दिल्ली की प्रमुख इमारतें (संसद भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक), कश्मीर के बर्फ से ढके पहाड़ और डल लेक, हिमाचल की वादियां और बाजार, पंजाब की हरियाली, स्वर्ण मंदिर, उत्तराखंड में केदारनाथ समेत अन्य धार्मिक स्थल, राजस्थान के रेगिस्तान, किले और पर्यटन स्थल शामिल हैं। इसके साथ ही गुजरात के सोमनाथ मंदिर से लेकर महाराष्ट्र की विभिन्न लोकेशंस तक को यहां कैप्चर किया जा सकेगा।
यूपी की प्रमुख लोकेशंस भी होंगी उपलब्ध
अन्य राज्यों की लोकेशंस के साथ ही फिल्म सिटी में यूपी के अंदर विभिन्न लोकेशंस को भी यहां कैप्चर किया जा सकेगा। उत्तर प्रदेश में अयोध्या और काशी के घाट हों,लखनऊ का इमामबाड़ा हो या झांसी, आगरा समेत अन्य जिलों के महत्वपूर्ण स्थल, फिल्ममेकर्स को यहां सभी तरह की लोकेशंस पर शूटिंग का लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त कई विदेशी लोकेशंस को भी यहीं पर बैठकर शूट किया जा सकेगा। फिल्म सिटी की यह विशेषता न केवल फिल्म मेकर्स का समय और संसाधन बचाएगी, बल्कि रचनात्मक और संभावनाओं का सुनहरा अवसर भी प्रदान करेगी।
पर्यटन की भी बढ़ेगी संभावना
कांसेप्ट के तहत, सिनेमा आज किसी व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और किसी न किसी रूप में उनके निर्णय लेने को प्रभावित करता है। फिल्म टूरिज्म भी एक ऐसी अवधारणा है जिसकी कल्पना एक फिल्म द्वारा किसी व्यक्ति के दिमाग में पैदा किए गए प्रभावशाली मूल्य से की गई है। जैसे किसी व्यक्ति की इच्छा मुख्य कलाकारों द्वारा उपयोग किए जाने वाले समान ब्रांड और शैली के कपड़े पहनने के लिए या मुख्य कलाकारों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उत्पादों का उपयोग करने के लिए होती है। इसी तरह फिल्म सिटी में विभिन्न लोकेशंस के फिल्मांकन से फिल्म टूरिज्म को प्रोत्साहन मिलता है। इससे फिल्म सिटी देश ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अंदर भी विभिन्न स्थलों को पर्यटन के रूप में प्रमोट करने में सहायक होगी।