December 7, 2024 7:35 am

9.5 लाख लोगों ने आखिर क्‍यों लगाई गंगा में डुबकी!

  • महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ संगम किनारे लगे माघ मेले का समापन
  • महाशिवरात्रि पर संगम की पावन धारा में 9.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
  • सरकार की तरफ से माघ मेले में किए गए कई नवाचार आगामी महाकुंभ के लिए बन सकते हैं आधार

PRAYAGRAJ : प्रयागराज के संगम तट में लगे आस्था के सबसे बड़े वार्षिक समागम माघ मेले के आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्रि का सकुशल समापन हो गया। महाशिवरात्रि पर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई। प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से इस बार के माघ मेले को दिव्य, भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए कई नवाचार भी किए गए।

महाशिवरात्रि पर 9.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

त्रिवेणी के तट पर लगे माघ मेले के आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर 9.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। माघ मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद के मुताबिक सुबह से ही संगम में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। शाम 4:00 तक संगम में 9.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई है। उन्होंने यह भी बताया है कि 54 दिनों तक चले इस माघ मेले के 6 प्रमुख स्नान पर्वों पर 3 करोड़ 27 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है।

आगामी महाकुंभ के लिए नवाचार की प्रयोगशाला बना माघ मेला

आगामी महाकुम्भ की व्यवस्थाओं को ध्यान में रखकर इस बार माघ मेले का आयोजन योगी सरकार ने किया था।इसीलिए यह माघ मेला महाकुंभ के लिए नवाचार की प्रयोगशाला भी रहा। माघ मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद बताते हैं कि इस बार के माघ मेले में कई नए नवाचार किए गए। माघ मेला में पहली बार रोशनी की सतत व्यवस्था और विद्युत की बचत के लिए 165 से अधिक एलइडी सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी। स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पूरे मेला क्षेत्र में 21 हजार शौचालय बनाए गए हैं।
माघ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 10 वाटर एटीएम लगाए गए । मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों पर थीमैटिक और स्पाइरल लाइट का इस्तेमाल किया गया।
इसके अलावा मेला क्षेत्र के पॉन्टून पुल में पहली बार डेलिनेटर्स लाइट्स का इस्तेमाल किया गया है । मेला क्षेत्र के दो पांटून पुल में इसका प्रयोग किया गया। सिंचाई विभाग की तरफ से मेला क्षेत्र में नदियों के पानी के बहाव से होने वाले कटाव को रोकने के लिए पहली बार जियो बैग का इस्तेमाल किया गया। माघ मेला में आने वाली श्रद्धालुओं और पर्यटकों की लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल भी पहली बार प्रभावी रूप से किया गया ।

UP Ka Agenda
Author: UP Ka Agenda

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